सरबती गेहूं के बाद अब विदेशों में बढ़ी एमपी के बासमती की डिमांड, जानिए क्या है खासियत

सरबती गेहूं के बाद अब विदेशों में बढ़ी एमपी के बासमती की डिमांड, जानिए क्या है खासियत

-पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से मांग हो रही 

भोपाल। देश के साथ ही पूरी दुनिया मे मप्र का सरबती गेहूं प्रसिद्ध है। अब इसके साथ ही विदेश में भी नर्मदांचल के बासमती चावल की मांग बढ़ी हुई है। इसी कारण क्षेत्र की बासमती धान के दामों में उछाल बना हुआ है। इस मांग की पूर्ति के लिए पंजाब, हरियाणा और कुछ मात्रा में राजस्थान के व्यापारियों की डिमांड बनी हुई है। नर्मदापुरम जिले की सभी प्रमुख मंडियों में बासमती धान की खरीदी तेजी से जारी है। यह आने वाले एक सप्ताह तक इसी तरह बनी रहने की संभावना वरिष्ठ व्यापारी बता रहे हैं। बीते वर्ष बासमती धान की डिमांड कम थी इसी कारण रेट भी कम थे। इस बार शुरू से दाम अच्छे बने हुए हैं। जिले में खरीफ की मुख्य उपज बासमती धान की मांग प्रदेश के बड़े शहरों के अलावा अन्य प्रदेशों में भी बनी हुई है।

मुख्यालय की कृषि उपज मंडी में धान की आवक और खरीदी में निरंतर तेजी जारी है। पिछले एक पखवाड़े से बासमती धान की आवक बढऩे के साथ ही खरीदी भी बढ़ती जा रही है। मंडी में पंजीकृत एक दर्जन से अधिक व्यापारी बोली लगाकर धान की खरीदी कर रहे हैं। जिसे पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित प्रदेश के बड़े व्यापारियों की मांग पर वहां पहुंचाया जा रहा है। बासमती धान के दाम भी किसानों को तेज मिल रहे हैं। प्रति क्विंटल 3200 रुपए तक में बासमती धान बिक रही है।

बारदानों में भरकर रखी धान

खरीदी के साथ ही व्यापारियों की धान का परिवहन मांग के अनुसार धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है। अभी समर्थन मूल्य से धान मोटी धान की खरीदी शुरू नहीं हुई 28 से होना है। तब बासमती की और आवक बढ़ेगी उससे पूर्व व्यापारियों की धान का उठाव जरूरी है।

व्यापारियों को समस्याएं

अनाज व्यापारी राम नवलानी, अजय खन्नाा, अमर सिंह, गोलू राठौर, हरि मीना ने बताया कि मंडी प्रशासन से मांग की गई थी कि उन्हें बारदाने रखने के लिए तथा आफिस संचालन के लिए मिट्टी परिक्षण केंद्र में जगह उपलब्ध कराई जाए, लेकिन मंडी प्रशासन के द्वारा व्यापारियों की सुविधा का ध्यान नहीं रखा गया है।
पूर्व में भी हो चुकीं दिक्कतें

मंडी में समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली धान से बीते वर्ष भी मंडी का शेड भर गया था। जगह ही नहीं बच रही थी तब तक प्रशासन धान को केप में रखने का निर्णय नहीं ले सका था। अब इस बार जल्दी ही समस्या आने वाली है। जल्द परिवहन नहीं हुआ तो वही दिक्कत फिर हो सकती है।

इनका कहना है

ईरान, ईराक में बासमती की मांग बढ़ी हुई है। पंजाब हरियाणा के बड़े व्यापारियों से मांग आ रही है। मंडी में व्यवस्थाओं को बढ़ाया जाना चाहिए। पूर्व सचिव ने कहा था कि मंडी के पंजीकृत व्यापारियों को मंडी में भू-खंड उपलब्ध कराए जाएंगे, लेकिन उनका तबादला हो जाने के बाद उस पर पहल नहीं हो सकी। अब दूसरे मंडी सचिव के आगमन का एक वर्ष से इंतजार है।
अजय कुमार खन्ना, वरिष्ठ व्यापारी

व्यापारियों को मिट्टी परीक्षण केंद्र में कक्ष और बारदाने रखने के लिए जगह की आवश्यकता है। इस बात की जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को भेजी जा चुकी है। वहां से अनुमति मिलने पर व्यापारियों के लिए व्यवस्था की जाएगी।
भैयालाल सोनिया, प्रभारी सचिव कृषि उपज मंडी

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