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मप्र सरकार लागू करेगी कृषक उपज उन्नति योजना

आगामी बजट में किया जाएगा 50 करोड़ का प्रविधान

भोपाल। मध्य प्रदेश में किसानों को उपज का अधिकतम मूल्य दिलाने के लिए शिवराज सरकार प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र खुलवाएगी। इसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष से मुख्यमंत्री कृषक उपज उन्नति योजना शुरू करने की तैयारी है। इसमें स्थानीय युवाओं को प्रसंस्करण केंद्र खोलने के लिए बैंक ऋण पर अनुदान दिया जाएगा। इसके साथ ही नरवाई प्रबंधन के लिए भी योजना शुरू की जाएगी। दोनों योजनाओं के लिए वर्ष 2023-24 के बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रविधान किया जाएगा।

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शिवराज सरकार ने प्रसंस्करण केंद्रों की स्थापना की योजना लागू करने की घोषणा की थी। प्रदेश में अभी प्रसंस्करण की सुविधा सीमित होने के कारण किसान उपज सीधे व्यापारियों को बेच देते हैं। जबकि, प्रसंस्करण करके उपज बेची जाए तो किसानों को अधिक मूल्य मिल सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र खोलने की योजना कैबिनेट में प्रस्तुत की थी, जिसे स्वीकृति मिल चुकी है।

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अब बजट में इसके लिए प्रविधान किया जा रहा है, जिसकी वित्त विभाग ने सहमति दे दी है। इसमें 25 लाख रुपये तक की दाल मिल, राइस मिल, ग्रेडिंग यूनिट सहित अन्य इकाइयां लगाने पर आठ लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह पर्यावरण और भूमि को होने वाली हानि से बचाने के लिए नरवाई प्रबंधन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना तैयार की गई है।

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किसान द्वारा नरवाई प्रबंधन संबंधी उपकरण खरीदने पर अनुसूचित जाति-जनजाति, महिला और सीमांत कृषकों को 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। जबकि, अन्य कृषकों को 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। हितग्राहियों का चयन पहले आओ-पहले पाओ की पद्धति पर कृषि अभियांत्रिक संचालनालय द्वारा किया जाएगा।

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