कृषि उद्योगों को आवंटित की जाएगी 122 कृषि मंडियों की खाली जमीन

कृषि उद्योगों को आवंटित की जाएगी 122 कृषि मंडियों की खाली जमीन

arvind mishra

भोपाल । मध्यप्रदेश की ‘सी’ एवं ‘डी’ ग्रेड की मण्डियों की आय बढ़ाने हेतु गण्डी बोर्ड द्वारा पहल की जा रही है। इस संबंध में मण्डी बोर्ड प्रबंध संचालक प्रियंका दास द्वारा भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना “एग्रीकल्चर इंफास्ट्रक्चर फण्ड (ए.आई.एफ) के तहत मध्यप्रदेश की ‘सी’ एवं ‘डी ‘ वर्ग की मण्डियाँ जिनकी आय एवं आवक अत्यधिक कम है तथा जो मण्डियाँ अपने वित्तीय भार वहन करने में असमर्थ हो जाती हैं ऐसी

122 मण्डियों की रिक्त भूमि पर कृषि उद्योगों को भूमि आवंटन की कार्य योजना प्रारंभ की है। ऐसी मण्डियों की आय स्थाई करने के लिए विभिन्न प्रकार के वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, असेइंग लेब, इलेक्ट्रानिक तौलकांटा, सार्टिग ग्रेडिंग प्लांट, ड्राइंग यार्ड, ट्रेडिंग प्लेटफार्म, रायपेनिंग चेम्बर्स, आदि इकाइयाँ स्थापित की जावेगी। इस तारतम्य में मण्डी बोर्ड के सातों संभागों (भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, सागर, ग्वालियर, जबलपुर एवं रीवा) की ‘सी’ तथा ‘डी’ वर्ग की मण्डियों की भूमि का चिन्हांकन का कार्य प्रारंभ किया गया है।

इस सम्बन्ध में गत 24 अगस्त को मण्डी बोर्ड मुख्यालय में बैठक कर प्राइवेट इन्वेस्टर को मण्डियों में उपलब्ध रिक्त भूमि आवंटन करने के संबंध में कार्य योजना बनाई गयी है।

बैठक में प्रियंका दास, प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड, सुनील सक्सेना, चन्द्रशेखर वशिष्ट, अपर संचालक, जगदीश श्रीवास्तव, अधीक्षण यंत्री, तथा मण्डी बोर्ड के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।