मसूर समर्थन मूल्य अब 5500 और गेहूं का 2015 रुपए प्रति क्विंटल
नई दिल्ली/भोपाल, केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कई रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है। किसानों को सपोर्ट देने के लिए दलहन (मसूर) और तिलहन (सरसों) का एमएसपी सबसे ज्यादा बढ़ाया गया है। यह फैसला पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यूनियन कैबिनेट की बैठक में हुआ। सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 के लिए मसूर और सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 400-400 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया है। चने के एमएसपी में 130 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। गेहूं का समर्थन मूल्य 40 रुपए प्रति क्विंटल बढ़कर 2015 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। जौ का एमएसपी 35 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। गेहूं का एमएसपी 1975 से बढ़कर 2015 रुपए हो गया है। बार्ले का 1600 से बढ़कर 1635 रुपए, चना की 5100 से 5230 रुपए, सरसों की 4650 से 5050 रुपए, सैफलॉवर का 5327 से 5441 रुपए और मसूर की 5100 से बढ़कर 5500 हो गई है।
कितने रुपयों की वृद्धि की गई
पिछले वर्ष के एमएसपी में मसूर की दाल और कैनोला (रेपसीड) तथा सरसों में उच्चतम संपूर्ण बढ़ोतरी (प्रत्येक के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल) करने की सिफारिश की गई है। इसके बाद चने (130 रुपये प्रति क्विंटल) को रखा गया है। पिछले वर्ष की तुलना में कुसुम के फूल का मूल्य 114 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है। कीमतों में यह अंतर इसलिए रखा गया है, ताकि भिन्न-भिन्न फसलें बोने के लिये प्रोत्साहन मिले।
विपणन मौसम 2022-23 के लिए सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (रुपये/क्विंटल में)
फसल MSP (2021 – 22) MSP (2022 – 23) MSP में बढ़ोतरी
गेहूं 1975 2015 40
जौ 1600 1635 35
चना 5100 5230 130
दाल (मसूर)5100 5500 400
कैनोला
और सरसों 4650 5050 400
कुसुम के फूल 5327 5441 114
उत्पादन लागत किस आधार पर जोड़ी गई है ?
सरकार का कहना है कि सभी फसलों पर लागत का 50 प्रतिशत से अधिक मुनाफ किसानों को दिया जा रहा है | कुछ फसलों पर तो 100 प्रतिशत के मुनाफे की बात भी कही गई है | फसलों की लागत मूल्य जोड़ने का विवरण जारी किया है जो इस प्रकार है | कुल लागत का उल्लेख का मतलब, जिसमें चुकाई जाने वाली कीमत शामिल है, यानी मजदूरों की मजदूरी, बैल या मशीन द्वारा जुताई और अन्य काम, पट्टे पर ली जाने वाली जमीन का किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई शुल्क, उपकरों और खेत निर्माण में लगने वाला खर्च, गतिशील पूंजी पर ब्याज, पम्प सेटों इत्यादि चलाने पर डीजल/बिजली का खर्च इसमें शामिल है | इसके अलावा अन्य खर्च तथा परिवार द्वारा किये जाने वाले श्रम के मूल्य को भी इसमें रखा गया है |
क्या है रबी फसलों के उत्पादन में आने वाला खर्च
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने फसलों के MSP जारी करते हुए फसलों का लागत मूल्य जारी किया है | केंद्र सरकार के अनुसार गेहूं का लागत मूल्य 1008 रुपये प्रति क्विंटल, जौ का लागत मूल्य 1019 रुपया प्रति क्विंटल, चना का लागत मूल्य 3004 रुपया प्रति क्विंटल, दाल (मसूर) का लागत मूल्य 3079 रुपया प्रति क्विंटल, कैनोला और सरसों का लागत मूल्य 2523 रुपया प्रति क्विंटल, कुसुम के फूल का लागत मूल्य 3627 रुपये प्रति क्विंटल है |
इन योजनाओं के तहत की जाती है MSP पर खरीदी
किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी के लिए कई योजनायें चलाई जा रही है,जिसके तहत देश भर के किसानों से विभिन्न फसलों को ख़रीदा जाता है | ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ (पीएम-एएएसएचए) नामक ‘अम्ब्रेला स्कीम’ की घोषणा सरकार ने 2018 में की थी। इस योजना से किसानों को अपने उत्पाद के लिये लाभकारी कीमत मिलेगी। इस अम्ब्रेला स्कीम में तीन उप-योजनाएं शामिल हैं, जैसे मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य न्यूनता भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद व स्टॉकिस्ट योजना (पीपीएसएस) को प्रायोगिक आधार पर शामिल किया गया है।
इनका कहना है
किसानों की आय में वृद्धि करने और उनके उत्पाद की सही कीमत देने के लिए केंद्र सरकार कार्यरत है। कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा एमएसपी समाप्त होने की अफवाह फैलाई जा रही है, जबकि वस्तुस्थिति यह है कि इसमें लगातार वृद्धि की जा रही है। एक बार पुन: किसानों के हित में वर्ष 2022-23 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है। मैं प्रदेश के सभी किसानों की ओर से पीएम को धन्यवाद देता हूं।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश