जिले में ज्वार-बाजरा की खेती की असीम संभावनाएं: डॉ वाय पी सिंह 

जिले में ज्वार-बाजरा की खेती की असीम संभावनाएं: डॉ वाय पी सिंह 
लहार। कृषि विज्ञान केंद्र पर आज वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्र की विगत 6 माह की प्रगति तथा आगामी 6 माह की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ एस पी सिंह द्वारा किया गया। बैठक का आयोजन ऑनलाइन तथा ऑफलाइन, हाइब्रिड मोड में किया गया। बैठक में प्रमुख रूप से केंद्र और जिले के सभी सहयोगी विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक-वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
कार्य योजना प्रस्तुतीकरण के बाद बैठक को संबोधित करते हुए राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ वाय पी सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों में फसल प्रजातियों का चयन जिले की जलवायु अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए किया जाए। निकरा परियोजना के कार्यों को जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिले में मोटे अनाज के रूप में ज्वार व बाजरा की खेती की असीम संभावनाएं विद्यमान है। अतः इस खरीफ मौसम में किसानों को ज्वार-बाजरा खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही केंद्र के फार्म पर भी एक हेक्टर क्षेत्र में ज्वार-बाजरा की फसल लगाई जाए।
बैठक में अपने सुझाव रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र दतिया के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ आर के एस तोमर ने केंद्र के प्रदर्शनों में 10 साल के भीतर की प्रजाति लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि छोटे व मझोले किसानों को खेती के साथ मुर्गी पालन बकरी पालन से जोड़ने की जरूरत है जिससे उनकी आमदनी में इजाफा हो सके।
राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं  नीति अनुसंधान संस्थान (निआप), पूसा, नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ विकास कुमार ने बैठक में ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा संचालित प्रदर्शनों में कृषि लागत अनुपात को गंभीरता से देखने की जरूरत है। जिससे होने वाले लाभ से किसानों को लाभान्वित किया जा सके। आईएआरआई, हजारीबाग झारखंड से जुड़ी वैज्ञानिक डॉ शिल्पी करकेटा ने कहा कि बकरी के बच्चों मैं पेट के कीड़े एवं प्रबंधन के माध्यम से वजन में वृद्धि करने की जरूरत है।
बैठक को संबोधित करते हुए राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय विस्तार सेवाएं निदेशालय के वैज्ञानिक डॉ अखिलेश सिंह ने मोटे अनाज ज्वार बाजरा की प्रोसेसिंग पर प्रशिक्षण आयोजित कराने एवं इसे कृषि विज्ञान केंद्र की कार्य योजना में शामिल करने की बात कही गई।
केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ एस पी सिंह ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र की आज खरीफ 2023 की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें अक्टूबर 2022 से मार्च 23 तक किए गए कार्यों का प्रगति प्रतिवेदन तथा अप्रैल से सितंबर 2023 तक आगामी 6 माह में किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी है। डॉ सिंह बताया कि आज की बैठक में जो सुझाव विभिन्न विभागों, अधिकारियों, वैज्ञानिकों व किसानों से प्राप्त हुए हैं। उन्हें आगामी कार्य योजना में शामिल किया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता प्रगतिशील कृषक शिव सिंह दद्दा तथा संचालन- आभार डॉ कर्णवीर सिंह द्वारा किया गया। बैठक में प्रमुख रूप से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अवधेश सिंह डॉ एन एस भदौरिया डॉ रुपेंद्र सिंह डॉ भानु प्रताप सिंह रघुवंशी निशांत प्रभाकर दीपेंद्र शर्मा के अलावा सहयोगी विभाग की ओर से पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज शर्मा, रामकिशोर तोमर के अलावा कृषि, पशुपालन, उद्यान, महिलावाल विकास विभाग से जुड़े हुए अधिकारी, कर्मचारी एवं किसानों ने द्वारा भाग लिया गया।

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