बहुउपयोगी बांस, किसानों के लिए खास, कर सकते हैं अच्छी कमाई, जानिए कैसे

बहुउपयोगी बांस, किसानों के लिए खास, कर सकते हैं अच्छी कमाई, जानिए कैसे

बांस बेहद उपयोगी फसल है। पूर्वोत्तर भारत में किसान भाई इस फसल का प्रयोग अपनी आजीविका चलाने के लिए करते हैं। हालांकि देश के अन्य हिस्से में भी बांस की बुवाई होती है। बांस सीढ़ी बनाने के अलावा कई अन्य कामो में प्रयोग में आता है। लेकिन बांस के अन्य लाभ भी हैं। इसकी खासियत एक यह भी है कि ये लंबे समय तक पानी को ठंडा रखता है। पानी गुणकारी होने के कारण स्वास्थ्य लाभ भी देता है। आज यही जानने की कोशिश करेंगे कि बांस में प्रयोग होने वाला किस तरह से स्वास्थ्य और आर्थिक लिहाज से मुनाफे का सौदा होता है। एक खास वजह से भी बांस का पानी चर्चा का विषय बन गया है।

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बंबू देने का नहीं, बंबू से पानी पीने का
नागालैंड के मंत्री ने बांस के फायदे को लेकर ट्विट किया है। तभी से बांस चर्चा में आ गया है। उन्होंने लिखा है कि बंबू देने का नहीं, बंबू से पानी पीने का। अंग्रेजी में ट्विट करते हुए उन्होंने लिखा है कि हरे सोने के रूप में पहचाने जाने वाले बांस में असीमित क्षमता है और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बनाने में इसका उपयोग मदर नेचर के लिए चमत्कारिक रूप से काम करेगा। पूर्वोत्तर भारत के सभी उद्यमियों को बधाई जो इसकी वास्तविक क्षमता का दोहन करने के लिए काम कर रहे हैं।

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एक बार खेती करने के बाद 40 साल तक झंझट खत्म 
बांस की खेती एक बार करने के बाद 40 साल तक झंझट खत्म हो जाता है। लेकिन एक बात ध्यान करने वाली होती है कि यदि एक बार बांस की बुवाई कर दी तो उसमें दूसरी खेती नहीं की जा सकती है। एक हेक्टेयर में 1500 बांस के पौधों की रोपाई की जा सकती है। एक हेक्टेयर में करीब साढ़े 3 लाख रुपये का खर्चा आता है। वहीं, सरकार बांस  पर सब्सिडी भी देती है। इस तरह करीब डेढ़ लाख का खर्चा प्रति हेक्टेयर होता है। वहीं, कमाई की बात करें तो 7 से 8 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर हो जाती है। 

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बांस से बने बोतल का प्रयोग सालों तक किया जा सकता है
प्लास्टिक के पानी के प्रयोग को विशेषज्ञ कुछ समय के लिए सही मानते हैं, जबकि बांस से बने बोतल का प्रयोग सालों तक किया जा सकता है। बोतल से पानी का रिसाव नहीं होना चाहिए। विशेष बात यह है कि प्लास्टिक में उसके कण जाने का खतरा रहता है। वहीं बांस का कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं। बांस की बोतल बांस के पेड़ से ही बनती है। 

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प्लास्टिक और मेटल धातु के ग्लास का प्रयोग यदि पानी पीने के लिए किया जा रहा है तो इससे बॉडी में विभिन्न रसायन जाने का खतरा रहता है। बोतल से रसायन रिसते रहते हैं। वहीं, बांस की बोतल में इस तरह का कोई खतरा नहीं रहता है। न ही प्लास्टिक की बोतलों की तरह इसे रिसाइकल कर और कैमिकल इस्तेमाल कर तैयार किया जाता है। 

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बांस का पानी पोषक तत्वों की खान 
बांस का पानी पोषक तत्वों की खान होती है। इसमें विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सिन), पोटेशियम, कॉपर, मैंगनीज, जिंक, विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेवन), ट्रिप्टोमर, प्रोटीन, आइसोल्युसिन और आयरन की अच्छी मात्रा होती है। यदि पानी के लिए बांस की बोतल का प्रयोग करते हैं तो ये सभी तत्व बॉडी में खुद ही पहुंच जाते हैं। 

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