जीरो बजट प्राकृतिक खेती का मुख्य आधार देशी गाय

जीरो बजट प्राकृतिक खेती का मुख्य आधार देशी गाय

prabhanjan singh

इंदौर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाने के सुझाव देने के बाद किसानों को प्राकृतिक खेती के तौर तरीकों के बारे में अवगत कराने के उद्देश्य से देपालपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को किया गया। साथ ही प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण संपन्न हुवा। कार्यशाला में कलेक्टर मनीष सिंह ने किसानों को बताया कि जीरो बजट प्राकृतिक खेती का मुख्य आधार देशी गाय है। 

प्राकृतिक कृषि प्राचीन पद्धति
प्राकृतिक कृषि प्राचीन पद्धति है। यह भूमि को प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखती है। प्राकृतिक खेती में उर्वरक एवं कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। इस प्रकार की खेती में जो प्रकृति में पाए जाते हैं, उन्हीं को खेती में पोषक तत्व एवं कीटनाशक के रूप में काम में लिया जाता है। 

प्राकृतिक खेती के लिए रसायनिक उर्वरकों का उपयोग न करते हुए खरपतवार नियंत्रण हेतु शकनासियों का रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों पर बिल्कुल निर्भर न रहा जाए। इसीलिए कहते है कि प्राकृतिक खेती अमृत है। 10 किलोग्राम गोबर के साथ गोमूत्र एवं दाल वाली फसलों का आटाबेसन मिलाकर यदि उसका प्रयोग फसल उत्पादन में किया जाए तो उसके चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं। उससे ही प्राकृतिक खेती करते हैं। किसान कल्याण तथा कृषि विकास देपालपुर की ओर से जनपद पंचायत कार्यालय के सभाकक्ष में प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण संपन्न किया गया, जिसमें विकासखंड के बहुत से काश्तकारों ने हिस्सा लिया। 

जीवामृत बीजामृत व बिजांबरी के बारे में दी जानकारी
प्रमुख वक्ता के रूप में जैविक खेती के समन्वयक मारुति माने द्वारा प्राकृतिक खेती की संपूर्ण जानकारी किसानों को दी। उन्होंने बताया कि जीवामृत बीजामृत व बिजांबरी क्या होता है। इनका उपयोग करने से फसल में क्या-क्या फायदा होता है। साथ ही दसपरिणी से कीटनाशक तैयार करने की विधि का निर्माण करते हुए प्रशिक्षण भी लाइव स्क्रीन पर किया गया। इस अवसर पर प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए किसान सरदार राजेंद्र सिंह द्वारा भी प्राकृतिक खेती में अपने अनुभव किसानों को बताएं और कहा कि हम अपना स्वास्थ्य प्राकृतिक खेती से उत्पादित अनाज से अच्छा रखें। स्वास्थ्य वर्धक भोजन करें। यदि हम स्वस्थ रहेंगे, हमारा मोहल्ला स्वस्थ रहेगा। हमारा गांव स्वस्थ रहेगा। हमारा प्रदेश स्वस्थ होकर देश भी स्वस्थ रहेगा। देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री का सपना प्राकृतिक खेती से हम साकार करेंगे।

नाम मात्र के खर्च पर  तैयार कर सकते है प्राकतिक खेती के लिए उर्वरक
इस अवसर पर जिला कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा भी किसानों को करीब 30 मिनट तक प्राकतिक खेती के बारे में सिलसिलेवार बताया व कहा कि यह अच्छी पहल है। नाम मात्र के खर्च पर हम प्राकतिक खेती के लिए उर्वरक तैयार कर सकते है। कलेक्टर ने प्राकृतिक खेती को तैयार करने में लगने वाले उर्वरक का डेमो भी देखा। इस दौरान कलेक्टर ने गाय का पूजन कर उसे रोटी खिलाई। एसडीम रवि वर्मा, एमके तोमर वरिष्ट कृषि विकासअधिकारी तहसीलदार भास्कर कोचले, हरिशंकर विश्वकर्मा तहसीलदार, राजू मीणा जनपद सीईओ, नायब तहसीलदार विवेक सोनी, विनोद पाठक, शिवसिंह राजपूत उपसंचालक मौजूद थे। गोपेश पाठक सहायक संचालक कृषि के द्वारा संचालन किया गया। राजेश चौहान, राजेंद्र चौधरी, दिनेश सुखदेव पाटीदार, एकता व्यालसा मास्टर ट्रेनर संजय शर्मा के द्वारा भी अपने विचार और अनुभव किसानों को बताएं।