गाय, भेड़ और बकरी के डकारने पर टैक्स वसूलेगी न्यूजीलैंड सरकार

गाय, भेड़ और बकरी के डकारने पर टैक्स वसूलेगी न्यूजीलैंड सरकार

वेलिंग्टन, न्यूजीलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बनने जा रहे है जो एग्रीकल्चर टैक्स वसूल करेगा। प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न की सरकार का मानना है कि गाय, भेड़ और बकरी के डकारने से जो गैसें निकलती हैं, उनसे पर्यावरण को नुकसान होता है। इसलिए यह टैक्स लगाया जा रहा है।

टैक्स का पैसा किसानों से जुड़े कामों के रिसर्च पर खर्च होगा
टैक्स से जो पैसा मिलेगा, उसका इस्तेमाल किसानों से जुड़े कामों के रिसर्च पर किया जाएगा। कुछ महीने पहले इस टैक्स के लिए बिल तैयार किया गया था। किसानों ने इसका विरोध किया था, लेकिन अब सरकार ने यह साफ कर दिया है कि 2025 से यह टैक्स जरूर लगाया जाएगा।

प्रधानमंत्री जेसिंडा ने क्या कहा
मंगलवार को प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने तीन मंत्रियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा- इस एग्रीकल्चर एमिशन स्कीम को हम टैक्स नहीं कहना चाहते। इससे जो पैसा मिलेगा, उसका इस्तेमाल किसानों की भलाई से जुड़े रिसर्च पर ही होगा। 2025 से किसानों को मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोज ऑक्साइड उत्सर्जन यानी एमिशन पर टैक्स देना होगा।

दुनिया में ग्रीन हाउस गैस एमिशन को कम करने में मदद कर सकेंगे
अर्डर्न ने आगे कहा- इस कदम से न्यूजीलैंड के किसान दुनिया में ग्रीन हाउस गैस एमिशन को कम करने में मदद कर सकेंगे। दुनिया में अब तक किसी और देश ने ऐसा नहीं किया।

टैक्स प्रपोजल वापस नहीं होगा
कुछ महीने पहले इस टैक्स के लिए बिल तैयार किया गया था। किसानों ने इसका विरोध किया था, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि टैक्स प्रपोजल वापस नहीं होगा।

2030 तक हम मीथेन एमिशन 10% तक लाना चाहते हैं: जेसिंडा 
न्यूजीलैंड दुनिया के उन देशों में शामिल है, जो डेरी प्रोडक्ट्स को सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट करते हैं। एक सच यह भी है कि यही सेक्टर देश के कुल ग्रीन हाउस गैस एमिशन का आधा हिस्सा बनता है। जेसिंडा के मुताबिक- 2030 तक हम मीथेन एमिशन 10% तक लाना चाहते हैं।

फेडरेडेट फार्मर्स ऑर्गनाइजेशन कर रहा विरोध
सरकार के इस कदम का फेडरेडेट फार्मर्स ऑर्गनाइजेशन विरोध कर रहा है। उसका कहना है कि इससे कमाई कम और खर्च ज्यादा हो जाएगा। उनका आरोप है कि छोटे किसान बहुत ज्यादा परेशान हो जाएंगे।
सरकार का कहना है कि टैक्स से जो पैसा मिलेगा, उसका इस्तेमाल ऐसे उपकरण बनाने पर किया जाएगा, जिनसे मीथेन और बाकी दूसरी हानिकारक गैसें का असर कम किया जा सके।

डकार और यूरिन से नुकसान
टैक्स प्रपोजल लाने से पहले न्यूजीलैंड सरकार ने एक एक्सपर्ट पैनल से ग्रीन हाउस गैसों पर रिसर्च कराया था। इसमें कहा गया था कि गाय या भैंस की डकार से मीथेन और यूरिन से नाइट्रोज ऑक्साइड निकलती है और इससे नुकसान होता है।

कुल ग्रीन हाउस एमिशन का आधा इन जानवरों की वजह से 
न्यूजीलैंड की आबादी करीब 50 लाख है और यहां करीब 1 करोड़ से ज्यादा गाय-भैंसें है। इसके अलावा करीब ढाई करोड़ भेड़ हैं। देश के कुल ग्रीन हाउस एमिशन का आधा इन जानवरों की वजह से होता है। न्यूजीलैंड सरकार की एनवायर्नमेंट मिनिस्ट्री पहले ही कह चुकी है कि 2050 तक वो कार्बन उत्सर्जन शून्य के करीब पहुंचाना चाहती है।

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