भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की अपील, वैलेंटाइन्स डे पर गाय को गले लगाएं, मनाएं 'Cow Hug Day'
नई दिल्ली। 14 फरवरी को वैलेंटाइन्स डे का खुमार रहता है। इस दिन प्रेमी जोड़े एक दूसरे से प्रेम का इजहार करते हैं। पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी लोग इसे लेकर उत्साहित रहते हैं। लेकिन भारत में अब इस दिन को खास तरीके से मनाया जाएगा। गौमाता को सम्मान देने के लिए इस दिन को ‘काऊ हग डे’ के रूप में मनाया जाएगा। यानी इस दिन को गाय को गले लगाने के दिवस के रूप में मनाने के फैसला लिया गया है।
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वैदिक परंपरा को बचाने के लिए अपील
एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) की तरफ से एक अपील की गई है। पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन विभाग के निर्देश पर सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से यह अपील जारी हुआ है। इसमें देश में गाय प्रेमियों से 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ के रूप में मनाने की अपील की गई है। साथ ही इसमें कहा गया है कि यह देखते हुए कि समय के साथ पश्चिमी संस्कृति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्त होने के कगार पर हैं, इसलिए 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ के रूप में मनाने की अपील की जा रही है।
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गाय भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़
मालूम हो कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 4 के तहत 1962 में स्थापित बोर्ड, पशु कल्याण संगठनों को अनुदान प्रदान करता है और केंद्र को पशु कल्याण के मुद्दों पर सलाह देता है। हालांकि इस तरह की अपील बोर्ड द्वारा पहली बार जारी की गई है। AWBI ने अपील में कहा है कि हम सभी जानते हैं कि गाय भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। गाय के अपार लाभ को देखते हुए गाय को गले लगाने से भावनात्मक समृद्धि आएगी और हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक सुख में वृद्धि होगी।
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गाय प्रेमियों से सिर्फ एक अपील
AWBI की असिस्टेंट सेक्रेटरी प्राची जैन ने इसे लेकर कहा ‘यह गाय प्रेमियों से सिर्फ एक अपील है। हमने इस वर्ष समय की कमी के कारण इस अवसर पर और इसके आसपास किसी विशेष कार्यक्रम की योजना नहीं बनाई है। लेकिन बोर्ड अगले साल से कुछ कार्यक्रमों की योजना बना सकता है।’ अपील में यह भी कहा गया है कि पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को लगभग भुला दिया है।
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एक ओर बीजेपी नेता इसका स्वागत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष के नेताओं का कहना है कि ये मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है।
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बीजेपी सांसद विजयपाल सिंह तोमर
हग डे का स्वागत करते हुए कहा कि गाय को गले लगाना किसान से जोड़ता है। इसलिए मैं भारत के पशु कल्याण बोर्ड द्वारा काऊ हग डे मनाने की अपील का स्वागत करता हूं।
मोदी सरकार में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री और राज्यसभा सांसद ने कहा कि इसमें परेशानी क्या है। गाय हमारी माता है इसकी सेवा करना चाहिए। किसी भी दिन होना था हो गया। प्रेम का दिन है गाय से प्रेम करें।
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यूपी के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह
लोग 14 फरवरी को गाय को नमन करें और गाय को कुछ खिलाएं। गाय हमारी माता है। गाय के मूत्र में गंगा मैया बसती हैं और गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास है। इसीलिए वैलेंटाइन डे पर गाय के गले मिलें और कुछ खिलाएं।
बीजेपी सांसद बालक नाथ
हमारी संस्कृति में गाय की पूजा की परंपरा है। गोपाष्टमी भी हम मनाते हैं। वैलेंटाइन डे क्या है इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं।
टीएमसी सांसद ने सांतनु सेन
मुख्यधारा के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए छद्म हिंदूवाद और छद्म देशभक्ति का इस्तेमाल किया जाता है।
सीपीआई सांसद एलामारम करीम
काऊ हग डे को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि ये अकल्पनीय है और देश के लिए शर्म की बात है।
कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल
मैं एक किसान के घर से हूं। मैं एक दिन नहीं, हर दिन अपनी गाय को गले लगाती हूं। काउ हग डे मनाने को लेकर उन्होंने कहा कि ये केवल बेरोजगारी, अडानी, महंगाई, आतंकवाद जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है।
शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने कहा कि हम गाय की इज्जत करते हैं और सम्मान से उसे 'गौमाता' बुलाते हैं। गाय से लगाव के लिए हमें किसी एक निश्चित दिन की जरूरत नहीं है।
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विलुप्त होने की कगार पर हैं वैदिक परंपराएं
एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की तरफ से की गई अपील में आगे कहा गया है कि समय के साथ पश्चिम संस्कृति की प्रगति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्त होने की कगार पर हैं। पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को लगभग भुला दिया है।
पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन विभाग के निर्देश पर सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी किया गया है। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की तरफ इस संबंध में अपील की गई है। इसमें कहा गया है कि हम सभी जानते हैं कि गाय भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।