मछली प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर प्रशिक्षण

मछली प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर प्रशिक्षण

छिंदवाड़ा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली एवं केंद्रीय मत्स्यपालन  प्रौद्योगिकी संस्थान कोचीन एवं जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र छिंदवाड़ा द्वारा आदिवासी उप परियोजना के अंतर्गत मत्स्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर 3 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण 20 से 22 सितंबर को किया गया। कार्यक्रम में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ सुरेंद्र पन्नासे ने महिलाओं से मत्सर पर लघु प्रसंस्करण ईकाई स्थापित करने के लिए प्रेरित किया।

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प्रशिक्षण के संचालक डॉ ध्रुव श्रीवास्तव ने बताया कि मछली प्राकृतिक रूप से प्रोटीन का उच्च श्रोत रहीं हैं। इसलिए विभिन्न उत्पाद जैसे मछली कटलेट,मछली अचार, मछली चकली, मछली करी इत्यादि प्रसंस्कृत रेडी टू ईट पदार्थ बनाना सिखाया गया ।  तीन दिवसीय कार्यक्रम में अतिथि की भूमिका के रूप में उप संचालक कृषि कार्यालय से पधारे सी एम अवस्थी, एन आर एल एम से संजय डेहरिया एवं ग्रीन वैली एन जी ओ के पदाधिकारी उपस्थित हुए। साथ ही जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मछली सहकारी समिति ककई की 27 सदस्यों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में केंद्र में चल रही मोती पालन परियोजना की जानकारी चंचल भार्गव द्वारा दी गई।

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रिया ठाकुर द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह अभियान की जानकारी दी एवं आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने  हेतु तकनीकी सहयोग नितेश गुप्ता, डॉ सुरेश अहिरवार व सुंदरलाल अलावा का रहा।

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