यूरिया सप्लाई में गडबड़झाला, 1020 टन कहां गया, पता ही नहीं, जानिए क्या है मामला

यूरिया सप्लाई में गडबड़झाला, 1020 टन कहां गया, पता ही नहीं, जानिए क्या है मामला

भोपाल। जबलपुर से मंडला-डिंडौरी-दमोह और सिवनी जिले के कोटे का यूरिया संबंधित डबल लाक केंद्रों तक नहीं पहुंच पाने के मामले में सख्त कार्रवाई की तैयारी है। प्रशासन की ओर से कराई गई जांच में साफ हो गया है कि कंपनी के प्रतिनिधि ने शासकीय केंद्रों का यूरिया कहीं और उतरवा दिया। इस सिलसिले संभागीय आयुक्त बी. चंद्रशेखर के माध्यम से अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा जा रहा है।
मामले में तूल पकडता देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक्‍शन मोड में नजर आए। उन्‍होंने प्रातः 7 बजे निवास से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जबलपुर संभाग के जिलों को आवंटित यूरिया के संबंध में आपात बैठक ली। 

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कैसे खुला राज 
मामला कुछ इस तरह से रहा कि 25 अगस्त को जबलपुर के कछपुरा मालगोदाम पर यूरिया का रैक खाली हुआ। यहां से यूरिया आस-पास के जिलों को भेजा गया था। लेकिन जबलपुर सहित मंडला-डिंडौरी-दमोह और सिवनी जिले के अनेक डबल लाक केंद्रों पर यूरिया की खेप नहीं पहुंच पाई है। जिन स्थानों पर यूरिया नहीं पहुंचा, वहां के जिम्मेदारों ने पहले तो कुछ दिन इंतजार किया, इसके बाद इसकी सूचना कृषि और मार्कफेड के अफसरों को दी। इसके बाद मामले का राजफाश हुआ।

जांच कमेटी ने रिपोर्ट संभागीय आयुक्त को सौंप दी
कृषि विभाग के संयुक्त संचालक केएस नेताम का कहना है कि संबंधित जिलों के उप-संचालक कृषि को इस बात का पता लगाने के लिए निर्देशित किया गया। जबलपुर सहित मंडला-डिंडौरी और सिवनी जिले में विपणन और कृषि विभाग के अफसरों की जांच टीमें बनाई गईं। जांच कमेटी का अध्यक्ष संबंधित जिले के डीएमओ को बनाया गया। इन टीमों ने दो दिन की जांच के बाद रिपोर्ट संभागीय आयुक्त बी. चंद्रशेखर को सौंप दी।

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जानिए क्या है सप्लाई का फार्मूला
नियमों के अनुसार जितनी भी कंपनियां यूरिया बनाती हैं, उनको 70 प्रतिशत यूरिया डबल लाक सेंटरों को पहुंचाना होता है। शेष 30 प्रतिशत हिस्सा कंपनी प्रायवेट दुकानदारों को सप्लाई करती है। रैक लगवाने, खाली करवाने से लेकर डबल लाक केंद्रों तक पहुंचाने तक का जिम्मा फर्टीलाइजर कंपनी का ही होता है। कंपनी अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से यह काम करवाती है। इसके लिए बकायदा एक ट्रांसपोर्टर तय किया जाता है। कंपनी के प्रतिनिधि को केवल सप्लाई आर्डर मार्कफेड के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।

कंपनी पर कार्रवाई के लिए भेजा पत्र
पांच जिलों के लिए 1853 मीट्रिक टन यूरिया भेजे जाने का सप्लाई लैटर कृभको कंपनी के प्रतिनिधि को सौंपा गया था, लेकिन उसकी ओर से केवल 833 मीट्रिक टन ही संबंधित जिलों को सप्लाई किया गया। शेष यूरिया का हिसाब कंपनी प्रतिनिधि नहीं दे पाया, इसलिए कंपनी पर कार्रवाई के लिए संभागीय आयुक्त के माध्यम से राज्य शासन को पत्र भेज दिया गया है। -केएस नेताम, संयुक्त संचालक कृषि

कहां कितना जाना था कितना पहुंचा

जिला एलाटमेंट पहुंचा अंतर
जबलपुर 853 728 125
मंडला 300 77 223
डिंडौरी 400 28 372
दमोह 200 00 200
सिवनी 100 00 100
महायोग - 1853 833 1020

मुख्यमंत्री एक्‍शन मोड में, प्रातः 7 बजे आपात बैठक 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक्‍शन मोड में नजर आए। उन्‍होंने प्रातः 7 बजे निवास से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जबलपुर संभाग के जिलों को आवंटित यूरिया के संबंध में आपात बैठक ली। जबलपुर संभाग में यूरिया वितरण में पिछले कुछ दिनों से शिकायते मिल रही हैं। इस बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेंद्र सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी शामिल हुए तथा जबलपुर के संभाग आयुक्त सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी तथा मार्कफेड के अधिकारी वर्चुअली सम्मिलित हुए। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज ने खाद वितरण में अनियमितता को लेकर नाराजगी व्‍यक्‍त की और किसानों को खाद से वंचित रखने वाले दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्‍यमंत्री ने स्‍पष्‍ट कहा कि दोषियों के खिलाफ तत्काल एफआइआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।

बैठक के दौरान जबलपुर संभाग आयुक्त ने मुख्यमंत्री को बताया कि यूरिया खाद के आवंटन की जिम्मेदारी कृभकों की थी। 25 अगस्त को जबलपुर में 2600 मीट्रिक टन के रैक लगे थे। कृभकों को बता दिया गया था कि किस जिले को कितना आवंटन जाना है। जबलपुर आयुक्त ने संभाग के जिलेवार आवंटन की जानकारी दी कृभकों निजी परिवहनकर्ताओं द्वारा विभिन्न जिलों में यूरिया की आपूर्ति करता है। परिवहनकर्ता द्वारा 28 से 31 अगस्त के बीच परिवहन किया गया लेकिन इन्हें जो स्थान बताए गए थे, उनके स्थान पर यूरिया निजी स्थानों पर सप्लाई किया गया। कृभकों में परिवहन कर्ताओं द्वारा निर्धारित स्थानों पर आपूर्ति कम की गई और कुछ स्थानों पर बिलकुल नहीं करने की सूचना है।

इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने दोषियों के खिलाफ तत्काल एफआइआर कर उन्हें गिरफ्तार करने और कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। आयुक्त ने बताया कि खाद्य डाइवर्ट करने पर फर्टिलाइजर मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर का उल्‍लंघन हुआ है। 3ए, 3बी, 3सी एक्ट की धाराओं के तहत आज ही एफआइआर की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारे किसानों को खाद से वंचित करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, जिस समय खाद की आवश्यकता है उस समय ऐसा होना एक गंभीर अपराध है। जिस समय खाद की सबसे अधिक जरूरत है उस समय खाद के लिए अफरा-तफरी मची है, यह अपराध है। दोषियों के विरुद्ध ऐसी सख्त कार्रवाई की जाए जो उदाहरण बने। मुख्यमंत्री चौहान ने जबलपुर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को स्‍पष्‍ट निर्देश दिए कि कि खाद वितरण में लगी कंपनियों को समझाने से काम नहीं चलेगा। दोषियों के विरुद्ध एक्शन लेकर बताएं। मुख्यमंत्री शिवराज ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से समन्वय कर राज्य के लिए खाद का पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित किया गया है। किसान तक खाद की आपूर्ति पर कड़ी नजर रखी जाए। जरूरत के समय किसान को खाद की कमी नहीं होना चाहिए।