प्रदेश में लंपी स्किन को लेकर पशुपालन विभाग सहित गोसंवर्द्धन बोर्ड अलर्ट मोड पर

प्रदेश में लंपी स्किन को लेकर पशुपालन विभाग सहित गोसंवर्द्धन बोर्ड अलर्ट मोड पर

भोपाल। प्रदेश के कुछ जिलों लंपी स्किन वायरस का प्रकोप बढता जा रहा है इस बीमारी के चलते सरकार की टेंशन बढ गई है। म.प्र. गोपालन एवं पशुधन संवर्द्धन बोर्ड की कार्यपरिषद् के अध्यक्ष "महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने भोपाल स्थित "म.प्र.गोसंवर्द्धन बोर्ड" के कार्यालय "गोमंगलम्' (माता मंदिर चौराहा में) पशुपालन विभाग के अपने स्टाफ एवं अधिकारी की एक आवश्यक बैठक लेकर प्रदेश के कुछ जिलों में जो राजस्थान की सीमा से सटे हैं, में गोवंश पर "लम्पी स्कीन डिजीज के होने के पुष्ट / अपुष्ट समाचार मिले है। निदान / उपचार हेतु प्रदेश के समस्त जिलों के उपसंचालक (पशुपालन एवं डेयरी विभाग) तथा प्रदेश की सभी शासकीय / अशासकीय गोशालाओं को एहतियात बरतने के निर्देश जारी किये है। पशुओं पर (गोवंश पर) फैलने वाली इस संक्रामक डिजीज के प्राथमिक लक्षण / बीमारी के दुष्परिणाम एवं गोवंश के देखभाल की विधि / उपचार विधि आदि की सूचना पशु पालकों में जागरुकता जैसे निर्देश जारी किये गये हैं।

मालवा-निमाड़ में लंपी स्किन वायरस का प्रकोप ज्यादा
मालवा-निमाड़ में लंपी स्किन वायरस का दायरा बढ़ा है। खंडवा के 20 गांवों में 544, बुरहानपुर में 486 और रतलाम में 413 मवेशी प्रभावित हुए। मौतें भी हुई हैं। हालांकि स्वस्थ होने की दर अधिक है। टीका की कमी जरूर सामने आ रही है।

खंडवा में संक्रमित 544 मवेशी में से छह की मौत 
खंडवा जिले के पंधाना व खालवा ब्लाक लंपी स्किन वायरस का प्रभाव अधिक है। संक्रमित 544 मवेशी में से छह की मौत हुई है। गोट पाक्स वैक्सीन की 18250 डोज उपलब्ध हैं। अभी तक 11286 डोज लगाई जा चुकी हैं। पांच हजार डोज की मांग भेजी गई है।

बुरहानपुर में पांच गोवंश की मौत
बुरहानपुर में पांच गोवंश की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि पांच हजार टीका मंगाए थे। इनमें से तीन हजार स्वस्थ गोवंशी को लगाए जा चुके हैं। इस बीच दस हजार और टीकों का मांग भेजी गई है। बड़वानी के सेंधवा क्षेत्र में एक गाय में वायरस का प्रभाव मिला है।

रतलाम में स्वस्थ हुए  407 संक्रमित मवेशी
रतलाम जिले में 407 मवेशी स्वस्थ हो गए और एक की मौत हो गई। शेष का उपचार चल रहा है। 36900 टीका की खेप मिली थी। इसमें से 29100 टीका लगाए जा चुके हैं। दूध की आपूर्ति पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं देखा गया है। संक्रमित गोवंशी की स्वस्थ होने की दर 95% है। मंदसौर जिले में 95 गांवों में संक्रमित 181 गोवंशी में से 124 स्वस्थ हो चुके हैं।

संक्रमण के बाद मवेशी में 8 से 10 दिन में दिख जाते हैं लक्षण 
पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, महू के एनिमल मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. हेमंत मेहता ने बताया कि संक्रमण के बाद मवेशी में 8 से 10 दिन लक्षण आने में लगते हैं। शुरुआती लक्षणों में इनका खाना और जुगाली कम हो जाती है। बुखार आता है। इस समय ध्यान दिया जाए तो स्थिति ज्यादा बिगड़ती नहीं है। इसके बाद शरीर पर गांठ होना, चकत्ते पड़ना और अन्य लक्षण सामने आते हैं। इससे बचाव के जहां गोवंशी को रखा जाता है, वह जगह साफ हो। गोट पाक्स वैक्सीन का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही लंपी डीसीज वैक्सीन भी आ गई है। इसका इलाज और रिकवरी बहुत लंबी है। 15 से 20 दिन का समय लगता है।