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आलू की खेती से मालामाल हो रहे सिवनी के किसान, जानिए कैसे

मनीष तिवारी
सिवनी। जिले के किसान विविधता के आधार पर फसलों का उत्पादन लेने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। जिले में जहां कुछ किसान परम्परागत रूप से चली आ रही फसलों जैसे धान, मक्का, गेहूं की खेती तक सीमित है। वहीं जिला कलेक्टर और उपसंचालक कृषि सिवनी के मार्गदर्शन में कुछ किसान पुरानी परम्परागत फसलों को छोड़कर नकदी फसलों का उत्पादन ले रहे हंै। जिससे उन्हें बाजार से अच्छा दाम मिलने से बेहतर आय प्राप्त हो रही है।

खेती में अपनी अलग राह चुनी
ऐसे ही सिवनी जिले के कृषक प्रहलाद ठाकुर है। जिन्होंने खेती में अपनी अलग राह चुनी है। ग्राम ढेंका, विकासखंड सिवनी में इनकी खेती है। यह बताते है कि उनके पास परिवार की जमीन के साथ लगभग 12 हेक्टेयर खेती का रकबा है। जिसमें से लगभग 10 एकड़ खेत में उन्होंने परम्परागत फसल के स्थान पर इस वषज़् आलू की फसल ली है।

ड्रीप विधि से सिंचाई
आलू की किस्म एफसी-5 जो कि व्यापारिक उद्देश्य से एक उन्नत किस्म है। जिसकी बोनी कृषक द्वारा 10 नवम्बर 2022 को की गयी है। इन्होंने पेप्सिको कंपनी से संपर्क कर 120 क्विंटल आलू का बीज प्राप्त किया है। जिसमें ड्रीप विधि से सिंचाई कार्य किया जाता है। जिससे सिंचाई जल का संयमित उपयोग होता है।

एकड़ पर लगभग 70 हजार की लागत

आलू की इस उन्नत खेती में उन्हें एक एकड़ पर लगभग 70 हजार की लागत आयी है। जिससे प्रति एकड़ लगभग 10 से 15 टन आलू प्राप्त होने की संभावना है। साथ ही उन्हें संपूर्ण लागत घटाकर 11.70 रुपए प्रति किग्रा मुनाफा होगा। इस आधार पर कृषक 15 टन उत्पादन प्रति एकड़ प्राप्त करते है तो उन्हें लगभग 15 से 17 लाख रुपए की आमदनी 10 एकड़ में आलू उत्पादन से होनी है।

पेप्सिको कंपनी को सप्लाई करते हैं फसल
कृषक ने आगे बताया कि उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए बाजार पर निभज़्र नहीं रहना पड़ता है बल्कि वे अपनी उपज सीधे पेप्सिको कंपनी को सप्लाई करने वाले है। उनकी इस नई राह को देखते हुए जिले के अन्य 49 किसान भी 140 एकड़ में आलू उत्पादन का कार्यक्रम ले रहे हैं। जो कि आने वाले समय में फसल विविधकरण के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

आलू की खेती से मालामाल हो रहे सिवनी के किसान, जानिए कैसे

मनीष तिवारी
सिवनी। जिले के किसान विविधता के आधार पर फसलों का उत्पादन लेने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। जिले में जहां कुछ किसान परम्परागत रूप से चली आ रही फसलों जैसे धान, मक्का, गेहूं की खेती तक सीमित है। वहीं जिला कलेक्टर और उपसंचालक कृषि सिवनी के मार्गदर्शन में कुछ किसान पुरानी परम्परागत फसलों को छोड़कर नकदी फसलों का उत्पादन ले रहे हंै। जिससे उन्हें बाजार से अच्छा दाम मिलने से बेहतर आय प्राप्त हो रही है।

खेती में अपनी अलग राह चुनी
ऐसे ही सिवनी जिले के कृषक प्रहलाद ठाकुर है। जिन्होंने खेती में अपनी अलग राह चुनी है। ग्राम ढेंका, विकासखंड सिवनी में इनकी खेती है। यह बताते है कि उनके पास परिवार की जमीन के साथ लगभग 12 हेक्टेयर खेती का रकबा है। जिसमें से लगभग 10 एकड़ खेत में उन्होंने परम्परागत फसल के स्थान पर इस वषज़् आलू की फसल ली है।

ड्रीप विधि से सिंचाई
आलू की किस्म एफसी-5 जो कि व्यापारिक उद्देश्य से एक उन्नत किस्म है। जिसकी बोनी कृषक द्वारा 10 नवम्बर 2022 को की गयी है। इन्होंने पेप्सिको कंपनी से संपर्क कर 120 क्विंटल आलू का बीज प्राप्त किया है। जिसमें ड्रीप विधि से सिंचाई कार्य किया जाता है। जिससे सिंचाई जल का संयमित उपयोग होता है।

एकड़ पर लगभग 70 हजार की लागत

आलू की इस उन्नत खेती में उन्हें एक एकड़ पर लगभग 70 हजार की लागत आयी है। जिससे प्रति एकड़ लगभग 10 से 15 टन आलू प्राप्त होने की संभावना है। साथ ही उन्हें संपूर्ण लागत घटाकर 11.70 रुपए प्रति किग्रा मुनाफा होगा। इस आधार पर कृषक 15 टन उत्पादन प्रति एकड़ प्राप्त करते है तो उन्हें लगभग 15 से 17 लाख रुपए की आमदनी 10 एकड़ में आलू उत्पादन से होनी है।

पेप्सिको कंपनी को सप्लाई करते हैं फसल
कृषक ने आगे बताया कि उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए बाजार पर निभज़्र नहीं रहना पड़ता है बल्कि वे अपनी उपज सीधे पेप्सिको कंपनी को सप्लाई करने वाले है। उनकी इस नई राह को देखते हुए जिले के अन्य 49 किसान भी 140 एकड़ में आलू उत्पादन का कार्यक्रम ले रहे हैं। जो कि आने वाले समय में फसल विविधकरण के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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