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कृषि विज्ञान केन्द्र दतिया में गेहूं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

vinod pandey
दतिया। कृषि विज्ञान केंद्र, दतिया द्वारा ग्राम सनौरा में गेहूं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में कृषक स्थाई समिति की अध्यक्ष क्रांती राय उपस्थित रहीं। उन्होंने कहा कि किसान कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जो भी नवीन तकनीकियां दे रहे हैं उसका पूरा प्रयोग करें और अपनी आय को बढ़ाएं।

उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र जिले में कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। जिसका लाभ कृषि क्षेत्र में स्पष्ट देखा जा सकता है। वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने कृषकों को बताया कि किसान भाई समय से बोवनी जरूर करें। देर से करने पर उपज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। केन्द्र द्वारा कृषकों को गेहूं की प्रजाति आरव्हीडब्ल्यू 4106 कृषकों को प्रदर्शन के लिए दी गई थी। उसको सीधे बाजार में न बेच कर अपने गांव व आसपास के कृषकों को दें।

जिससे नई प्रजाति का व्यापक प्रसार प्रचार हो सके व अन्य कृषक भी लाभांवित हो सके। वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह चौहान ने कृषकों को गर्मी की गहरी जुताई के लाभ के बारे में जानकारी दी एवं गेहूं कटने के उपरांत गर्मी की मूंग लगाने की समझाइश दी। प्रशिक्षण दौरान 80 कृषक उपस्थित रहे और उन्होंने नई प्रजाति की फसल देख खुशी जाहिर की। 

कृषि विज्ञान केन्द्र दतिया में गेहूं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

vinod pandey
दतिया। कृषि विज्ञान केंद्र, दतिया द्वारा ग्राम सनौरा में गेहूं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में कृषक स्थाई समिति की अध्यक्ष क्रांती राय उपस्थित रहीं। उन्होंने कहा कि किसान कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जो भी नवीन तकनीकियां दे रहे हैं उसका पूरा प्रयोग करें और अपनी आय को बढ़ाएं।

उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र जिले में कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। जिसका लाभ कृषि क्षेत्र में स्पष्ट देखा जा सकता है। वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने कृषकों को बताया कि किसान भाई समय से बोवनी जरूर करें। देर से करने पर उपज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। केन्द्र द्वारा कृषकों को गेहूं की प्रजाति आरव्हीडब्ल्यू 4106 कृषकों को प्रदर्शन के लिए दी गई थी। उसको सीधे बाजार में न बेच कर अपने गांव व आसपास के कृषकों को दें।

जिससे नई प्रजाति का व्यापक प्रसार प्रचार हो सके व अन्य कृषक भी लाभांवित हो सके। वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह चौहान ने कृषकों को गर्मी की गहरी जुताई के लाभ के बारे में जानकारी दी एवं गेहूं कटने के उपरांत गर्मी की मूंग लगाने की समझाइश दी। प्रशिक्षण दौरान 80 कृषक उपस्थित रहे और उन्होंने नई प्रजाति की फसल देख खुशी जाहिर की। 

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