कॉस्मेटिक्स-खाद में होता है सबसे अधिक इस्तेमाल
भोपाल। आज के समय में परंपरागत खेती को छोडकर किसान औषधीय खेती की तरफ बढ रहा है। ऐसे में यदि आप रीठा की खेती करेंगे तो ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। बता दें कि रीठा का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन— जैसे साबुन और शैम्पू बनाने में किया जाता है। वहीं इसका उपयोग कई रोगों जैसे— मिर्गी, सर्दी, छाल रोग और अत्यधिक लार के उपचार में भी किया जाता है।
कम मेहनत में ज्यादा फायदा
रीठा की खेती करने वाले कसानों का कहना है कि रीठा की खेती में ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती है। रीठा एक बहुउपयोगी पौधा है। रीठा का वानस्पतिक नाम सैपिंडस म्यूकोरोसी है। यह पौधा पंद्रह सौ मीटर की ऊंचाई पर उगता है। इसकी नर्सरी तैयार करने के बाद इसकी रोपाई की जा सकती है। पौधा बड़ा हो जाने पर उसे सिंचाई की जरूरत नहीं पडती। खास बात यह है कि इसकी खेती किसी प्राकार की जमीन में की जा सकती है। इस पेड के फल और बीज दोनों का उपयोग किया जाता है। औषधीय महत्व के चलते इस पौधे की खेती करके अच्छा फायदा कमाया जा सकता है।
सौंदर्य प्रसाधन का सामान बनाने में होता है इस्तेमाल
रीठा का सौंदर्य प्रसाधन का सामान बनाने में किया जाता है, जैसे— साबुन और शैम्पू बनाने में किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ औषधीय रूप में इसका उपयोग मिर्गी, सर्दी, छाल रोग और अत्यधिक लार की समस्या के समाधान के लिए भी किया जाता है। यदि बाजार ठीक से उपलब्ध हो तो बेहतर लाभ उठाया जा सकता है।
बालों के लिए रामबाण है रीठा
बालों के लिए रीठा बहुत फायदेमंद है। यह बालों को झड़ने से रोकने और बालों को बढ़ाने आदि में सहायक है। रीठा का उपयोग बालों के रंग, शैम्पू और कंडीशनर के रूप में किया जाता है। रीठा के मैकाडामिया आकार के फलों को सुखा लिया जाता है। जिसका उपयोग साबुन और डिटर्जेंट बनाने में किया जाता है। रीठा दमा और अस्थमा के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है और साथ ही साथ प्राकृतिक रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा रीठा माइग्रेन में भी कारगर है। अस्थमा होने पर रीठे को पीसकर मरीज को सुंघाया जाए तो आराम मिलता है।
रीठा से कितनी होगी कमाई
कमाई की बात करें तो एक एकड़ में रीठा के 100 पेड़ लगते हैं। सामान्यत: एक पेड़ से 100 किलो तक रीठा निकलता है। एक किलो रीठा बाजार में 100 रुपये किलो तक बिकता है। इस प्रकार यदि देखा जाए तो एक एकड़ में आसानी से 10 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। चार साल में पेड उत्पादन के लिए तैयार हो जाता है। इसको सिंचाई की भी जरूरत नहीं होती। रीठा के खेत में अलग-अलग फसल लगाकर भी कमाई कर सकते हैं। रीठा के साथ अमरूद, पपीता, मोरिंगा और मोटे अनाज की खेती कर सकते हैं।