मध्य प्रदेश के सभी जिलों में एससी/एसटी के छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक खास योजना चलाई जा रही है, जिसका मकसद है – किसानों को घाटे वाले बीजों की जगह उन्नत और ज्यादा पैदावार देने वाले दालों और तिलहनों के बीज देना।
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क्या मिलेगा इस योजना में फायदा?
बीज अदला-बदली (Seed Exchange)
अगर किसान के पास घाटे वाली फसल के बीज हैं, तो वो उन्हें सरकार को देकर 1 हेक्टेयर तक के लिए उन्नत बीज ले सकता है।
- उसी फसल के उन्नत बीज बराबर मात्रा में मिलेंगे।
- अगर किसान दूसरी फसल का बीज लेना चाहता है, तो 25% कीमत या नकद राशि देनी होगी।
बीज आत्मनिर्भरता (Seed Self-Reliance)
किसानों को 1/10 हिस्से के खेत पर बोने के लिए आधार/प्रमाणित बीजों पर 75% तक की सब्सिडी दी जाएगी।
इससे किसान खुद अपने बीज तैयार कर पाएंगे और बार-बार बाजार से महंगे बीज नहीं खरीदने पड़ेंगे।
बीज उत्पादन (Seed Production)
- SC/ST के छोटे किसानों के खेतों पर कम से कम आधा एकड़ क्षेत्र में उन्नत बीज उत्पादन करवाया जाएगा।
- खेत सरकारी कृषि फार्म से 10 किमी के दायरे में होना चाहिए।
- 75% सब्सिडी पर आधार प्रमाणित बीज मिलेंगे (1 हेक्टेयर तक)।
- रजिस्ट्रेशन का खर्च योजना से दिया जाएगा।
- जो बीज तैयार होंगे, वो अगले साल SC/ST किसानों में उचित रेट पर बांटे जाएंगे।
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कुल मिलाकर
इस योजना से किसान घाटे वाली फसलों को छोड़कर लाभकारी फसलों की खेती कर पाएंगे, जिससे आय बढ़ेगी और आत्मनिर्भरता भी आएगी।