किसानों के अनुभव
खरगोन के किसानों ने 500 हेक्टेयर में की खास किस्म की मूंगफली की बुआई, होगी बंपर कमाई
sanjay sharmaखरगोन, मौसम में खाली रहने वाले खरगोन के खेतों में किसानों ने गुजरात, बेंगलुरु जैसे राज्यों में पैदा होने वाली मूंगफली की नई ...
किसानों ने व्यावसायिक खेती की ओर बढ़ाया कदम, फ्रोजेन मटर का अपना ब्रांड लाने की तैयारी
anand sharan आरा। बिहार के भोजपुर में किसानों ने सामूहिक एकता की मिसाल पेश की है। गत दो वर्ष से फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी बनाकर ...
फसल उत्पादन में वृद्धि के लिए बडे काम का है कच्चा कोयला, जानिए बनाने और उपयोग की विधि
बायोचार बनाने व प्रयोग करने की यह तकनीक लगभग 2,000 साल पुरानी है। इसके द्वारा कृषि अपशिष्ट पदार्थों को मृदा सुधारक के रूप में बदल दिया जाता है, जो कि कार्बन को मृदा में पकड़े रखता है। यह खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है और मृदा की जैव विविधता में वृद्धि करता है। इस तकनीक द्वारा वनों की कटाई पर भी रोक लगती है।
किसानों का मित्र केंचुआ और किसानों का हमसफ़र केंचुआ खाद
लेखक1. घनश्याम बामनिया, सहायक प्राध्यापक विभाग. पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी, स्कूल आफ एग्रीकल्चर, सीहोर, मप्र 2 डॉ. धनेश कुमार रैदास, सहायक प्राध्यापक पादप कार्यकी विभाग, सीहोर, आरए ...
कृषकों ने सीखी दूधिया मशरूम उत्पादन तकनीक
ग्वालियर, कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्वालियर द्वारा मशरूम उत्पादन तकनीक पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । प्रशिक्षण में उदयपुर, अजयपुर, गिरवाई, तिघरा, ...
गेहूं की तीन नई किस्में, जो बढ़ते तापमान में भी देंगी बंपर पैदावार
आईसीएआर द्वारा गेहूं की तीन नई किस्में विकसित की गई हैं, जिनपर बढ़ते तापमान का ज्यादा असर नहीं होगा और अच्छा उत्पादन देंगी।
किसानों को सीखनी होगी कम पानी में फसल उगाने की तकनीकी: डॉ. एसपी सिंह
लहार (भिंड)। बदलते जलवायु परिवर्तन में खेती किसानी मैं तकनीकी को अपनाकर किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं। कम पानी की दशा में भी ...
किसानों के लिए फ़ायदेमंद हो सकती है जल ब्राह्मी की खेती, जानिए इसके बारे में
भोपाल, आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान पिछले कुछ सालों में काफ़ी बढ़ा है। बाज़ार में आयुर्वेदिक उत्पादों की भरमार हो गई है। आयुर्वेद ...
घाटमपुर का मॉनसून मंदिर: गुंबद से टपकने वाली बूंदे बताती है कैसा होगा मानसून?
कानपुर के घाटमपुर वाले मॉनसून मंदिर में गुंबद से टपकने वाली बूंदों ने तय कर दिया है इस बार का मानसून नॉर्मल रहेगा। इस मॉनसून मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति की पूजा होती है। हजारों साल पुराने इस मॉनसून मंदिर के बारे में मान्यता है कि गर्मी में जब चारों तरफ पानी का सूखा रहता है, जेठ बैसख में धरती तपा करती है उस दौरान मॉनसून से पहले इस मंदिर के गुंबद से जो बूंदे टपकती हैं उनके आकार से अंदाजा लग जाता है कि मॉनसून कैसा होगा।
सिवनी में ‘संजीवनी’ को संरक्षण की दरकार
सिवनी जिले में कई आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं जो जंगलों से घिरे हैं और प्राकृतिक वातावरण से परिपूर्ण है। जिले में प्राप्त औषधियों में कई गुण विद्यमान रहते हैं। जो बड़े-बड़े असाध्य रोगों से लोगों को निजात दिलाते हैं। वहीं कई जगह वन संपदा को नुकसान पहुंचाया जाता है जिसके नतीजा यह होता है कि औषधियों की संख्या घट जाती है। सिर के बाल झडऩे की समस्या दूर करने जंगल मिलने वाली दुर्लभ जटाशंकर औषधि की जड़ का उपयोग होता है।