सरकार की इस योजना से किसानों को मिलेगा सस्ता बीज और बढेगी आय, जानिए क्या है प्लान
दिल्ली, किसानों मिलेंगे सस्ते बीज, मोदी सरकार बना रही बड़ा प्लान, बढ़ेगा देश का एक्सपोर्ट भी, बीज की उपलब्धता और निर्यात को बढ़ावा देने वाले नेशनल को-ऑपरेटिव्स दिल्ली में होंगे।
सरकार ने कई योजनाएं चलाई
देश में खेती-किसानी को बेहतर बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। किसानों की मदद के लिए सरकार ने सॉइल हेल्थ कार्ड, कृषि फसल बीमा, पीएम किसान जैसी कई योजनाएं चलाई हैं। अब सरकार ऐसा कुछ करने जा रही है जिससे ना सिर्फ किसानों को सस्ते और बढ़िया क्वालिटी के बीज मिल सकेंगे, बल्कि देश का एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर 3 नए को-ऑपरेटिव
केंद्र सरकार ने देश में सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए नया सहकारिता मंत्रालय भी बनाया है। अब यही मंत्रालय किसानों की आय दोगुनी करने के इरादे को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर 3 नए को-ऑपरेटिव बनाने जा रहा है।
को-ओपरेटिव बढ़ाएंगे बीज की उपलब्धता
केंद्रीय मंत्रिमंडल बहुत जल्द नेशनल लेवल के 3 को-ऑपरेटिव बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे देगा। ये को-ऑपरेटिव देश में जहां बढ़िया क्वालिटी के बीजों की उपलब्धता बढ़ाएंगे, साथ ही देश का एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा। इसमें एक को-ऑपरेटिव देश में ऑर्गेनिक फूड को बढ़ावा देने का भी काम करेगी।
कई देशों में को-ऑपरेटिव्स के बहुत से उत्पादों की बड़ी डिमांड
अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि दुनिया के कई देशों में को-ऑपरेटिव्स के बहुत से उत्पादों की बड़ी डिमांड है। पर नेशनल लेवल पर कोई अंब्रेला को-ऑपरेटिव ना होने की वजह से इनका एक्सपोर्ट सही से नहीं हो पाता है। देश ने को-ऑपरेटिव की क्षमता का अभी उचित उपयोग नहीं किया है।
नेशनल को-ऑपरेटिव्स दिल्ली में होंगे
बीज की उपलब्धता और निर्यात को बढ़ावा देने वाले नेशनल को-ऑपरेटिव्स दिल्ली में होंगे। जबकि आर्गेनिक फूड के लिए बनाए जाने वाले को-ऑपरेटिव का मुख्यालय गुजरात के आणंद में होगा।
को-ऑपरेटिव का एक्सपोर्ट बढाने का प्रयास
सहकारिता मंत्रालय ने विदेश मामलों के मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय से कहा है कि वो उसे इस काम के लिए जरूरी सहायता उपलब्ध कराए। मसलन विदेशों में किस तरह के उत्पादों की डिमांड है, वहां क्वालिटी के क्या मानक हैं। इन्हें लेकर यदि कोई अध्ययन हुआ है तो उसकी भी जानकारी दे। ताकि को-ऑपरेटिव का एक्सपोर्ट बढ़ाया जा सके।
बढाने का प्रयास % चीनी का उत्पादन करते हैं को-ऑपरेटिव
भारत में चीनी के कुल उत्पादन में 30.6 प्रतिशत चीनी का प्रोडक्शन को-ऑपरेटिव करते हैं, लेकिन देश से चीनी के होने वाले टोटल एक्सपोर्ट में को-ऑपरेटिव चीनी मिलों के डायरेक्ट एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से भी कम है। इसी तरह देश में उर्वरकों के उत्पादन में को-ऑपरेटिव की हिस्सेदारी 28.8 प्रतिशत, फर्टिलाइजर डिस्ट्रिब्यूशन में 35 प्रतिशत और दूध के सरप्लस को खरीदने में 17.5 प्रतिशत की भागीदारी है।
देश में 29 करोड़ लोगों की मदद करती हैं को-ऑपरेटिव
आधिकारिक डाटा के मुताबिक देश में करीब 8.54 लाख को-ऑपरेटिव सोसायटी रजिस्टर हैं। इनमें 29 करोड़ से ज्यादा लोग मेंबर हैं। इसमें भी अधिकतर लोग निम्न आयवर्ग या ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं।