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वैज्ञानिकों का सफल प्रयास, अब एक ही पौधे में लगेंगे टमाटर-बैगन के फल

वाराणसी के वैज्ञानिकों ने तैयार किया ग्राफ्टेड टमाटर और बैंगन का पौधा ब्रिमेटो

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने किया कारनामा

भोपाल। वाराणसी के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसा पौधा तैयार किया है, जिसमें टमाटर और बैंगन के फल एक ही पौधे में लगेंगे। 

वैज्ञानिकों ने पौधों की ग्राफ्टिंग के माध्यम से कलम तैयार कि जिससे बैंगन और टमाटर एक ही पौधे में उगाए जा सकेंगे। इस उपलब्धि से कम  जगह में ज्यादा पैदावार पाई जा सकेगी। इसे अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में छोटे स्थानों में अधिक सब्जियों के उत्पादन में सफलता माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ब्रिमेटो के हर पौधे से करीब 3-4 किलो बैंगन और 2-3 किलो टमाटर मिल सकेगा। इससे पहले भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने पोमेटो नामक पौधे की क़लम तैयार की थी। उस पौधे से आलू और टमाटर की मिश्रित उपज मिलती है। इन फसलों को लेकर सब्जी उत्पादकों में खासा उत्साह है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे इनके न्यूट्रीशन में कोई कमी नहीं आएगी। इनके उत्पादन में लगने वाली लागत में कमी आएगी। सब्जियों की खेती में लगने वाली जगह, खाद, पानी के साथ देखभाल में भी कम समय लगेगा।

ब्रिमेटो तैयार करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि बैंगन का अंकुर 25-30 दिन और टमाटर का अंकुर 22-25 दिन पुराना था। जिसे ग्राफ्टिंग यानी कलम बांधने की तकनीक से विकसित किया गया। इसमें पौधे के टिश्यू को रीबर्थ के माध्यम से पौधों के हिस्सों को एक साथ जोड़ दिया जाता है। एक पौधे की कलम को वी शेप में और दूसरे को टी शेप में कट किया जाता है। फिर उन्हें एक आपस में तने के अंदर या ऊपर, जड़, या टहनी के साथ जोड़ दिया जाता है। वैज्ञानिकों की मानें तो जो हिस्सा जड़ उपलब्ध कराता है उसे स्टॉक कहते हैं और जुड़े हुए हिस्से को कलम कहा जाता है। ब्रिमेटो को एक या कई कलम तैयार करके विकसित किया गया है। इसमें एक ही पौधे के परिवार के दो या उससे अधिक अंकुरों की कलम एक साथ तैयार किया गया है, जिससे एक ही पौधे से एक से ज़्यादा सब्जियां हासिल की जा सकती हैं। ब्रिमेटो के पेरेंट प्लांट्स एक बढ़े हुए बैंगन हाईब्रिड होते हैं, जिन्हें काशी संदेश कहा जाता है। वहीं टमाटर की एक सुधरी हुई किस्म जिसे काशी अमन कहते हैं। इन दोनों की कलम आईसी 111056 कही जाने वाली बैंगन रूट स्टॉक में लगाई गई थी।

कलम वाली तकनीक फूलों और फलों तक थी सीमित 

सब्जियों से पहले यह कलम वाली तकनीक फूलों और फलों तक सीमित थी। अब इसे सब्जिय़ों पर भी लागू किया गया है। माना जा रहा है कि पोषण सुरक्षा के मामले में भी ब्रिमेटो बहुत उपयोगी साबित होगा। सब्जियों की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर, घरेलू पोषण सुनिश्चित करने का ये एक बेहतरीन तरीका है। इससे बैंगन के कसैलेपन में भी कमी आती है और फसलों के अंदर रसायन की मौजूदगी घटती है।

वैज्ञानिकों का सफल प्रयास, अब एक ही पौधे में लगेंगे टमाटर-बैगन के फल

वाराणसी के वैज्ञानिकों ने तैयार किया ग्राफ्टेड टमाटर और बैंगन का पौधा ब्रिमेटो

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने किया कारनामा

भोपाल। वाराणसी के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसा पौधा तैयार किया है, जिसमें टमाटर और बैंगन के फल एक ही पौधे में लगेंगे। 

वैज्ञानिकों ने पौधों की ग्राफ्टिंग के माध्यम से कलम तैयार कि जिससे बैंगन और टमाटर एक ही पौधे में उगाए जा सकेंगे। इस उपलब्धि से कम  जगह में ज्यादा पैदावार पाई जा सकेगी। इसे अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में छोटे स्थानों में अधिक सब्जियों के उत्पादन में सफलता माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ब्रिमेटो के हर पौधे से करीब 3-4 किलो बैंगन और 2-3 किलो टमाटर मिल सकेगा। इससे पहले भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने पोमेटो नामक पौधे की क़लम तैयार की थी। उस पौधे से आलू और टमाटर की मिश्रित उपज मिलती है। इन फसलों को लेकर सब्जी उत्पादकों में खासा उत्साह है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे इनके न्यूट्रीशन में कोई कमी नहीं आएगी। इनके उत्पादन में लगने वाली लागत में कमी आएगी। सब्जियों की खेती में लगने वाली जगह, खाद, पानी के साथ देखभाल में भी कम समय लगेगा।

ब्रिमेटो तैयार करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि बैंगन का अंकुर 25-30 दिन और टमाटर का अंकुर 22-25 दिन पुराना था। जिसे ग्राफ्टिंग यानी कलम बांधने की तकनीक से विकसित किया गया। इसमें पौधे के टिश्यू को रीबर्थ के माध्यम से पौधों के हिस्सों को एक साथ जोड़ दिया जाता है। एक पौधे की कलम को वी शेप में और दूसरे को टी शेप में कट किया जाता है। फिर उन्हें एक आपस में तने के अंदर या ऊपर, जड़, या टहनी के साथ जोड़ दिया जाता है। वैज्ञानिकों की मानें तो जो हिस्सा जड़ उपलब्ध कराता है उसे स्टॉक कहते हैं और जुड़े हुए हिस्से को कलम कहा जाता है। ब्रिमेटो को एक या कई कलम तैयार करके विकसित किया गया है। इसमें एक ही पौधे के परिवार के दो या उससे अधिक अंकुरों की कलम एक साथ तैयार किया गया है, जिससे एक ही पौधे से एक से ज़्यादा सब्जियां हासिल की जा सकती हैं। ब्रिमेटो के पेरेंट प्लांट्स एक बढ़े हुए बैंगन हाईब्रिड होते हैं, जिन्हें काशी संदेश कहा जाता है। वहीं टमाटर की एक सुधरी हुई किस्म जिसे काशी अमन कहते हैं। इन दोनों की कलम आईसी 111056 कही जाने वाली बैंगन रूट स्टॉक में लगाई गई थी।

कलम वाली तकनीक फूलों और फलों तक थी सीमित 

सब्जियों से पहले यह कलम वाली तकनीक फूलों और फलों तक सीमित थी। अब इसे सब्जिय़ों पर भी लागू किया गया है। माना जा रहा है कि पोषण सुरक्षा के मामले में भी ब्रिमेटो बहुत उपयोगी साबित होगा। सब्जियों की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर, घरेलू पोषण सुनिश्चित करने का ये एक बेहतरीन तरीका है। इससे बैंगन के कसैलेपन में भी कमी आती है और फसलों के अंदर रसायन की मौजूदगी घटती है।

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