नाबार्ड के सहयोग से शुरू करें डेयरी उद्योग, मिलेगी अच्छी सब्सिडी, जानिए पूरी प्रक्रिया
नई दिल्ली, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। देश की ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन की अहमियत काफी बढ़ी है। खेती के साथ-साथ इस समय सरकार पशुपालन भी जोर दे रही है, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का फायदा उठाकर डेयरी का काम शुरू कर सकते हैं।
सरकार नेशनल लाइवस्टॉक मिशन के तहत पशुपालकों की आर्थिक मदद भी करती है। इसके अलावा बैंकों के माध्यम से भी किसानों को डेयरी फार्मिंग की शुरुआत करने के लिए लोन दिया जाता है। इसके अलावा नाबार्ड भी किसानों को डेयरी व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए अच्छी-खासी सब्सिडी देती है।
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किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां कर सकती हैं आवेदन
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग के द्वारा साल 2005-06 में नाबार्ड के अंतर्गत "डेयरी और पोल्ट्री के लिए उद्यम पूंजी योजना" नामक एक पायलट योजना शुरू की गई थी। बाद में साल 2010 में इसका नाम 'डेयरी उद्यमिता विकास योजना' कर दिया गया था। नाबार्ड की इस योजना के किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां आवेदन कर सकती हैं। इसके अलावा डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
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लागत का 25 प्रतिशत (एसटी / एससी किसानों के लिए 33.33 प्रतिशत) सब्सिडी
योजना के तहत एक परिवार के एक से अधिक सदस्यों की सहायता की जा सकती है बशर्ते वे अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बुनियादी ढांचे के साथ अलग-अलग इकाइयां स्थापित करें। नाबार्ड द्वारा परियोजना लागत का 25 प्रतिशत (एसटी / एससी किसानों के लिए 33.33 प्रतिशत) सब्सिडी के तौर पर दिया जाता है।
ऐसे मिलेगी सब्सिडी
डेयरी योजना के तहत आने वाले उपयुक्त डेयरी व्यवसाय का चयन करें, जो सब्सिडी के लिए पात्र हो। अपने व्यवसाय कंपनी या एनजीओ के रूप में पंजीकृत जरूर करें। अपने डेयरी व्यवसाय के लिए बैंक लोन के लिए आवेदन करें। ईएमआई के रूप में लोन का भुगतान करें। इस दौरान ईएमआई की कुछ किस्तें बैंक द्वारा माफ की जाएगी। इसके बाद ईएमआई पर दी जाने वाली छूट की राशि को नाबार्ड की सब्सिडी से समायोजित किया जाएगा
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नाबार्ड डेयरी योजना
डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत दुग्ध उत्पाद (मिल्क प्रोडक्ट) बनाने की यूनिट शुरू करने के लिए भी सब्सिडी दी जाती है।
नाबार्ड डेयरी योजना 2023 के तहत आप दुग्ध उत्पाद की प्रोसेसिंग के लिए उपकरण खरीद सकते हैं।
अगर आप इस तरह की मशीन खरीदते हैं और उसकी कीमत 13।20 लाख रुपये आती है तो आपको इस पर 25 फीसदी (3।30 लाख रुपये) की कैपिटल सब्सिडी मिल सकती है।
अगर आप एससी/एसटी कैटेगरी से आते हैं तो आपको इसके लिए 4।40 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है।
नाबार्ड के डीडीएम ने कहा कि इस योजना में, ऋण राशि बैंक द्वारा अनुमोदित की जाएगी और 25% लाभार्थी द्वारा जाएगी। इस योजना से लाभ प्राप्त करने में रुचि रखने वाले व्यक्ति सीधे बैंक से संपर्क करेंगे ।
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यदि आप पांच गायों के तहत डेयरी शुरू करना चाहते हैं तो, आपको उनकी लागत का सबूत देना होगा। जिसके अंतर्गत सरकार 50% सब्सिडी प्रदान करेगी। किसानों को 50% अलग-अलग किस्तों में बैंक को भुगतान करना होगा।
मिलने वाली सब्सिडी – 10 पशु डेयरी पर 25% (एससी / एसटी किसानों के लिए रूपरेखा 33.33%), पूँजी सब्सिडी सीमा, 1.25 लाख रुपये (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति से संबंधित किसानों हेतु 1.67 लाख रुपये)। अधिकतम अनुमति पूँजी सब्सिडी 2 पशु इकाई के लिए 25000 रुपये है (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति किसानों के लिए 33,300 रुपये)। सब्सिडी आकार के आधार पर प्रो-रेटा आधार पर प्रतिबंधित होगा।
दूसरी योजना – बछिया बछड़ों के पालन – 20 बछड़ों के लिए ऊपर – पार नस्ल, स्वदेशी मवेशियों और वर्गीकृत भैंसों दुधारू नस्लों का विवरण
निवेश – 20 बछड़ों इकाइयों के लिए 80 लाख – 5 बछड़ों के न्यूनतम इकाई आकार और 20 बछड़ों की अधिकतम सीमा के साथ ।
मिलने वाली सब्सिडी – 20 बछड़ों तक की यूनिट खोलने के लिए 25% तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी 1,25,000/- तक की पूंजी पर दी जाएगी। वही SC/ST कैटेगरी के लोगों को 1,60,000/- तक की पूंजी मिल जाएगी। कैटेगरी के लोगों को सब्सिडी में 33.33% तक मिल जाएंगे। राशि के हिसाब से अधिकतम 30,000/- की सब्सिडी, 5 बछड़े की यूनिट खोलने पर दी जाएगी। वही कैटेगरी के लोगों के लिए यह सब्सिडी राशि 40,000/- तय की गई है।