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ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी में वैज्ञानिकों ने बताया धान की सीधी बुवाई के लाभ

डॉ शशिकान्त सिंह
बहराइच। डॉ. रेड्डीज फाउंडेशन व कोर्टेवा एग्रीसाइंस के संयुक्त प्रयास से  ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन  फखरपुर ब्लॉक में आयोजित किया गया। डॉ. रेड्डीज फाउंडेशन व कोर्टेवा एग्रीसाइंस के संयुक्त प्रयास से जनपद बहराइच मे डब्ल्यू आर जी परियोजना  के अंतर्गत चलाए जा रहे धान की सीधी बुवाई का कार्यक्रम विगत 2 वर्षों से 9 ब्लॉको (रिसिया, फखरपुर,कैसरगंज,पयागपुर, शिवपुर, हुजूरपुर,मिन्हीपुरवा, विशेश्वरगंज, जरवल ) में चलाया जा रहा है। ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर विनायक प्रताप शाही के दिशा निर्देशन में मृदा वैज्ञानिक  डॉ. नंदन सिंह व कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. अरुण राजभर के द्वारा फीता काटकर व दीप प्रज्वलित  किया गया। ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. नंदन सिंह तथा डॉ. अरुण राजभर जी ने बताया कि धान की परंपरागत विधि की तुलना में धान की सीधी बुवाई के द्वारा कृषक बंधुओं कम समय, कम श्रम, कम लागत एवं कम पानी के द्वारा धान की खेती सफलतापूर्वक कर सकते हैं।

जल संरक्षण के लिए भी हितैषी व संरक्षित खेती

इस विधि के द्वारा खेती पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य मृदा संरक्षण व जल संरक्षण के लिए भी हितैषी व संरक्षित खेती है। इस विधि में नर्सरी नहीं लगानी पड़ती, खेत में पानी का भराव नहीं करना पड़ता, लेवा नहीं बनाना पड़ता है , मजदूरों से छुटकारा, समय की बचत, पर्यावरण की बचत होती है।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि धान की सीधी बुवाई आज के परिवेश में बढ़ती हुई कृषि लागत मजदूरों की समस्या को ध्यान में रखते हुए आज की जरूरत बन गई है। धान की रोपाई विधि में पानी का अत्यधिक दोहन, जमीन की संरचना व भूमि कार्बन का निरंतर अभाव हो रहा है। जिससे हमारा पर्यावरण भूमिगत जल स्रोत एवं कार्बन का निरंतर क्षरण होने से उत्पादकता व पर्यावरण का निरंतर ह्रास हो रहा है। जिसके लिए कृषक बंधु धान की परंपरागत रोपाई न करते हुए धान की सीधी बुवाई की ओर अग्रसर हो जिससे हम अपने और आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ एवं संरक्षित खेती के साथ-साथ संरक्षित पर्यावरण स्थानांतरित कर सकें। मुख्य वक्ता के तौर पर मनोज कुमार यादव  ने धान की सीधी बुवाई के माध्यम से होने वाले लाभ के विषय में विस्तार पूर्वक चर्चा की।

पलेवा नहीं करना पड़ता

इस विधि से किसान बंधुओं को नर्सरी नहीं लगानी पड़ती है। पलेवा नहीं करना पड़ता है। लेबर पर निर्भरता नहीं रहती है और कम पानी में धान की खेती कर सकते हैं और 10 से 15 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। परंपरागत विधि की तुलना में किसान बंधु कम लागत से ज्यादा मुनाफा कर सकते हैं। साथ ही साथ मल्टी क्रॉप प्लांटर के विषय में कृषकों को जानकारी प्रदान करते हुए डॉ. अजय कुमार ने बताया कि इस मशीन के माध्यम से कृषक बंधु कम समय में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रफल की बुवाई कर सकते हैं एवं मिथेन गैस से होने वाले पर्यावरण नुकसान को कम कर सकते हैं। ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी कार्यक्रम में फखरपुर ब्लाक के तेंदवामहंत, रौंदवपुर, नरकुला, लोनटांडा, सेमरी, गोहनिया मनेरी रामवापुर नियामतपुर दरियाव पुरवा आदि विभिन्न गाँवों के सम्मानित किसान जगदम्बा प्रसाद वर्मा , शैलेंद्र कुमार वर्मा, आनंद कुमार वर्मा, कुलदीप कुमार,पवन वर्मा, योगेश प्रताप, बलवीर , मस्त राम वर्मा, हरीराम वर्मा, दाताराम वर्मा विक्रम वर्मा, हरिद्वार वर्मा नूरूल अहमद, फूलचंद वर्मा, राम सेवक शुक्ला, पुष्पेन्द्र कुमार शुक्ला बृजेश चौधरी जगत राम वर्मा, राम नाथ, तरूण कुमार सहित,सहित 163 कृषक बंधु एवं एटीएम रितेश कुमार यादव टीएसी आत्माराम मौर्य, चेतराम, राजीव कुमार, अवधेश कुमार व डा. रेड्डीज फाउंडेशन के एरिया मैनेजर सुनील कुमार मौर्य एवं डॉ. रेड्डीज फाउंडेशन बहराइच टीम के दीपेंद्र कुमार, रोहित कुमार, राकेश कुमार, अनुराग तिवारी, अवनीश कुमार, बुद्धि सागर, कपिल उपाध्याय सभी सदस्यों ने अपनी सहभागिता प्रदान की।

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ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी में वैज्ञानिकों ने बताया धान की सीधी बुवाई के लाभ

डॉ शशिकान्त सिंह
बहराइच। डॉ. रेड्डीज फाउंडेशन व कोर्टेवा एग्रीसाइंस के संयुक्त प्रयास से  ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन  फखरपुर ब्लॉक में आयोजित किया गया। डॉ. रेड्डीज फाउंडेशन व कोर्टेवा एग्रीसाइंस के संयुक्त प्रयास से जनपद बहराइच मे डब्ल्यू आर जी परियोजना  के अंतर्गत चलाए जा रहे धान की सीधी बुवाई का कार्यक्रम विगत 2 वर्षों से 9 ब्लॉको (रिसिया, फखरपुर,कैसरगंज,पयागपुर, शिवपुर, हुजूरपुर,मिन्हीपुरवा, विशेश्वरगंज, जरवल ) में चलाया जा रहा है। ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर विनायक प्रताप शाही के दिशा निर्देशन में मृदा वैज्ञानिक  डॉ. नंदन सिंह व कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. अरुण राजभर के द्वारा फीता काटकर व दीप प्रज्वलित  किया गया। ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. नंदन सिंह तथा डॉ. अरुण राजभर जी ने बताया कि धान की परंपरागत विधि की तुलना में धान की सीधी बुवाई के द्वारा कृषक बंधुओं कम समय, कम श्रम, कम लागत एवं कम पानी के द्वारा धान की खेती सफलतापूर्वक कर सकते हैं।

जल संरक्षण के लिए भी हितैषी व संरक्षित खेती

इस विधि के द्वारा खेती पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य मृदा संरक्षण व जल संरक्षण के लिए भी हितैषी व संरक्षित खेती है। इस विधि में नर्सरी नहीं लगानी पड़ती, खेत में पानी का भराव नहीं करना पड़ता, लेवा नहीं बनाना पड़ता है , मजदूरों से छुटकारा, समय की बचत, पर्यावरण की बचत होती है।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि धान की सीधी बुवाई आज के परिवेश में बढ़ती हुई कृषि लागत मजदूरों की समस्या को ध्यान में रखते हुए आज की जरूरत बन गई है। धान की रोपाई विधि में पानी का अत्यधिक दोहन, जमीन की संरचना व भूमि कार्बन का निरंतर अभाव हो रहा है। जिससे हमारा पर्यावरण भूमिगत जल स्रोत एवं कार्बन का निरंतर क्षरण होने से उत्पादकता व पर्यावरण का निरंतर ह्रास हो रहा है। जिसके लिए कृषक बंधु धान की परंपरागत रोपाई न करते हुए धान की सीधी बुवाई की ओर अग्रसर हो जिससे हम अपने और आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ एवं संरक्षित खेती के साथ-साथ संरक्षित पर्यावरण स्थानांतरित कर सकें। मुख्य वक्ता के तौर पर मनोज कुमार यादव  ने धान की सीधी बुवाई के माध्यम से होने वाले लाभ के विषय में विस्तार पूर्वक चर्चा की।

पलेवा नहीं करना पड़ता

इस विधि से किसान बंधुओं को नर्सरी नहीं लगानी पड़ती है। पलेवा नहीं करना पड़ता है। लेबर पर निर्भरता नहीं रहती है और कम पानी में धान की खेती कर सकते हैं और 10 से 15 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। परंपरागत विधि की तुलना में किसान बंधु कम लागत से ज्यादा मुनाफा कर सकते हैं। साथ ही साथ मल्टी क्रॉप प्लांटर के विषय में कृषकों को जानकारी प्रदान करते हुए डॉ. अजय कुमार ने बताया कि इस मशीन के माध्यम से कृषक बंधु कम समय में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रफल की बुवाई कर सकते हैं एवं मिथेन गैस से होने वाले पर्यावरण नुकसान को कम कर सकते हैं। ब्लॉक स्तरीय कृषक गोष्ठी कार्यक्रम में फखरपुर ब्लाक के तेंदवामहंत, रौंदवपुर, नरकुला, लोनटांडा, सेमरी, गोहनिया मनेरी रामवापुर नियामतपुर दरियाव पुरवा आदि विभिन्न गाँवों के सम्मानित किसान जगदम्बा प्रसाद वर्मा , शैलेंद्र कुमार वर्मा, आनंद कुमार वर्मा, कुलदीप कुमार,पवन वर्मा, योगेश प्रताप, बलवीर , मस्त राम वर्मा, हरीराम वर्मा, दाताराम वर्मा विक्रम वर्मा, हरिद्वार वर्मा नूरूल अहमद, फूलचंद वर्मा, राम सेवक शुक्ला, पुष्पेन्द्र कुमार शुक्ला बृजेश चौधरी जगत राम वर्मा, राम नाथ, तरूण कुमार सहित,सहित 163 कृषक बंधु एवं एटीएम रितेश कुमार यादव टीएसी आत्माराम मौर्य, चेतराम, राजीव कुमार, अवधेश कुमार व डा. रेड्डीज फाउंडेशन के एरिया मैनेजर सुनील कुमार मौर्य एवं डॉ. रेड्डीज फाउंडेशन बहराइच टीम के दीपेंद्र कुमार, रोहित कुमार, राकेश कुमार, अनुराग तिवारी, अवनीश कुमार, बुद्धि सागर, कपिल उपाध्याय सभी सदस्यों ने अपनी सहभागिता प्रदान की।

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