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किसानों को कम समय में मोटी कमाई करा सकती है कददू की खेती, जानिए कैसे

भोपाल, देश में किसान अब कम वक्त में ज्यादा मुनाफा देने वाले फसलों की खेती को ज्यादा तरजीह देने लगे हैं। कद्दू भी इसी तरह की एक फसल है। इसकी खेती कर किसान सिर्फ तीन महीने के अंतराल में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। बढ़िया मात्रा में प्रोटीन होने की वजह से कद्दू की सब्जी से लेकर बीज तक की बाजार में अक्सर डिमांड बनी रहती है। साथ ही इसके फलों का इस्तेमाल मिठाईयों को बनाने में भी किया जाता है।

जमीन का PH 5 से 7 के बीच होना चाहिए
कद्दू की खेती करने के लिए उचित जलनिकासी वाली जगह का चुनाव करना बेहद अहम हो जाता है। इसकी बेहतर खेती के लिए जमीन का PH 5 से 7 के बीच होना चाहिए। बरसात का मौसम इसकी खेती के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। तकरीबन 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान में इसके पौधे अच्छे से विकास करते हैं। सर्दियों में इसकी फसल को पाला लगने की संभावनाएं बढ़ जाती है। यही वजह है कि ठंड के मौसम में इसकी खेती को न करने की सलाह दी जाती है।

कैसे करें खेती
कद्दू की फसल लगाने के लिए खेतों को पहले अच्छे तरीके से तैयार कर लें। सबसे पहले ठीक तरीके से खेतों की जुताई कर लें। फिर खेतों में खाद डाल कर कद्दू की बीजों को लगाने के लिए क्यारियों को तैयार कर लें। इसके बीजों की रोपाई ज्यादातर हाथ से ही करने की सलाह दी जाती है। समान्यत: इसके फसल को सिंचाई की काफी आवश्यकता पड़ती है। लेकिन अगर खेतों में जलभराव जैसी स्थिति आती है तो फसल को नुकसान हो सकता है।

अनुमानित उत्पादन और आय
कद्दू के पौधे 90 से 100 दिनों के अंदर पैदावार देने के लिए तैयार हो जाते हैं।  इसका फल फल ऊपर से पीले सफ़ेद रंग के दिखाई दे तो इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए। इसके हरे फलों को 70 से 80 दिन बाद तोड़ा जा सकता है। एक हेक्टेयर के खेत में कद्दू की 300 से 400 क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो जाती है। अगर कद्दू का बाजारी भाव 10 से 15 रुपए किलो तक का होता है तो भी किसान एक बार की फसल कर 4 से 6 लाख की कमाई कर सकते हैं।

किसानों को कम समय में मोटी कमाई करा सकती है कददू की खेती, जानिए कैसे

भोपाल, देश में किसान अब कम वक्त में ज्यादा मुनाफा देने वाले फसलों की खेती को ज्यादा तरजीह देने लगे हैं। कद्दू भी इसी तरह की एक फसल है। इसकी खेती कर किसान सिर्फ तीन महीने के अंतराल में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। बढ़िया मात्रा में प्रोटीन होने की वजह से कद्दू की सब्जी से लेकर बीज तक की बाजार में अक्सर डिमांड बनी रहती है। साथ ही इसके फलों का इस्तेमाल मिठाईयों को बनाने में भी किया जाता है।

जमीन का PH 5 से 7 के बीच होना चाहिए
कद्दू की खेती करने के लिए उचित जलनिकासी वाली जगह का चुनाव करना बेहद अहम हो जाता है। इसकी बेहतर खेती के लिए जमीन का PH 5 से 7 के बीच होना चाहिए। बरसात का मौसम इसकी खेती के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। तकरीबन 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान में इसके पौधे अच्छे से विकास करते हैं। सर्दियों में इसकी फसल को पाला लगने की संभावनाएं बढ़ जाती है। यही वजह है कि ठंड के मौसम में इसकी खेती को न करने की सलाह दी जाती है।

कैसे करें खेती
कद्दू की फसल लगाने के लिए खेतों को पहले अच्छे तरीके से तैयार कर लें। सबसे पहले ठीक तरीके से खेतों की जुताई कर लें। फिर खेतों में खाद डाल कर कद्दू की बीजों को लगाने के लिए क्यारियों को तैयार कर लें। इसके बीजों की रोपाई ज्यादातर हाथ से ही करने की सलाह दी जाती है। समान्यत: इसके फसल को सिंचाई की काफी आवश्यकता पड़ती है। लेकिन अगर खेतों में जलभराव जैसी स्थिति आती है तो फसल को नुकसान हो सकता है।

अनुमानित उत्पादन और आय
कद्दू के पौधे 90 से 100 दिनों के अंदर पैदावार देने के लिए तैयार हो जाते हैं।  इसका फल फल ऊपर से पीले सफ़ेद रंग के दिखाई दे तो इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए। इसके हरे फलों को 70 से 80 दिन बाद तोड़ा जा सकता है। एक हेक्टेयर के खेत में कद्दू की 300 से 400 क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो जाती है। अगर कद्दू का बाजारी भाव 10 से 15 रुपए किलो तक का होता है तो भी किसान एक बार की फसल कर 4 से 6 लाख की कमाई कर सकते हैं।

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