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मटर की उन्नत किस्में जो किसानों को कर देंगी मालामाल, जानिए कौन सी किस्म की करें खेती

भोपाल, मटर विश्व में उगाई जाने वाली तीसरी प्रमुख दलहनी फसल है। भारत में चना एवं मसूर के बाद यह रबी सीजन में उगाई जाने वाली प्रमुख तीसरी दलहनी फसल है। जो किसान रबी सीजन में मटर की खेती करना चाहते हैं उन्हें अधिक पैदावार के लिए अभी से बीजों का चयन कर बीज की व्यवस्था करना होगा।

किस्मों का चयन सबसे महत्वपूर्ण

मटर की अधिक पैदावार के लिए आवश्यक है कि किसान अपने क्षेत्र के अनुसार उन्नत किस्मों का चयन करें ताकि कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त की जा सके। प्रजातियों एवं क्षेत्र के अनुसार बीज उत्पदान के लिए बुआई का समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक सर्वोत्तम रहता है। नीचे अलग-अलग राज्यों के लिए मटर की किस्में उनकी उत्पादन क्षमता एवं उनकी विशेषताएं दी गई हैं।

मटर की उन्नत किस्में, उनकी उत्पदान क्षमता एवं विशेषताएं

मटर की उन्नत किस्में जो किसानों को कर देंगी मालामाल, जानिए कौन सी किस्म की करें खेती

भोपाल, मटर विश्व में उगाई जाने वाली तीसरी प्रमुख दलहनी फसल है। भारत में चना एवं मसूर के बाद यह रबी सीजन में उगाई जाने वाली प्रमुख तीसरी दलहनी फसल है। जो किसान रबी सीजन में मटर की खेती करना चाहते हैं उन्हें अधिक पैदावार के लिए अभी से बीजों का चयन कर बीज की व्यवस्था करना होगा।

किस्मों का चयन सबसे महत्वपूर्ण

मटर की अधिक पैदावार के लिए आवश्यक है कि किसान अपने क्षेत्र के अनुसार उन्नत किस्मों का चयन करें ताकि कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त की जा सके। प्रजातियों एवं क्षेत्र के अनुसार बीज उत्पदान के लिए बुआई का समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक सर्वोत्तम रहता है। नीचे अलग-अलग राज्यों के लिए मटर की किस्में उनकी उत्पादन क्षमता एवं उनकी विशेषताएं दी गई हैं।

मटर की उन्नत किस्में, उनकी उत्पदान क्षमता एवं विशेषताएं

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