कचरे से कंचन, पीएम मोदी ने किया 'गोबरधन' का लोकार्पण

कचरे से कंचन, पीएम मोदी ने किया 'गोबरधन' का लोकार्पण

सीएम ने कहा-प्लांट के लिए ग्रामीणों से गोबर खरीदा जाएगा

150 करोड़ रुपए की लागत से बने सीएनजी प्लांट गोबर-धन का किया लोकार्पण

इंदौर। शहर में एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी प्लांट गोबर-धन के लोकार्पण में ऑनलाइन शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कचरे को कंचन बनाने के लिए शहर के प्रयासों की काफी सराहना की। इस दौरान पीएम ने कई बड़ी घोषणाएं करते हुए कहा कि अगले दो साल में 75 बड़े शहरों में इस प्रकार के बायो सीएनजी प्लांट बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जितने अच्छे इंदौर के लोग हैं, उन्होंने शहर को भी उतना ही अच्छा बना दिया है। उन्होंने शहर की प्रेरणा से देश के 75 शहरों में बायो-सीएनजी प्लांट बनाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि प्लांट से इंदौर को रोज 17 हजार किलो बायो-सीएनजी व 100 टन जैविक खाद मिलेगा। सीएनजी से 400 बसों का संचालन भी होगा। इससे प्रदूषण कम होगा, ग्रीन-जॉब्स बढ़ेंगे। 

इंदौर मतलब स्वच्छ
मोदी ने कहा कि इंदौर का नाम आते ही मन में स्वच्छता और नागरिक कर्तव्य का नाम आता है। हम जब छोटे थे तब इंदौर का नाम आते ही देवी अहिल्याबाई होलकर, महेश्वर और उनकी सेवाभाव का नाम आता था। समय के साथ इंदौर बदला है, लेकिन देवी अहिल्या की प्रेरणा को खोने नहीं दिया। यहां के लोग सिर्फ सेंव पसंद नहीं है, बल्कि सेवा पसंद भी हैं।

किसानों को मिला लाभ
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते आठ सालों में पेट्रोलियम उत्पादों में इथेनॉल के मिश्रण का स्तर दो से बढ़ाकर आठ प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। हमारे पास इथेनॉल जैसे जैव ईंधन बनाने के पर्याप्त संसाधन बरसों से उपलब्ध हैं। हमारी सरकार ने जैव ईंधन बनाने की तकनीकी के इस्तेमाल पर खास जोर दिया है। इथेनॉल की खपत बढऩे से चीनी मिलों की आर्थिक सेहत सुधरी है, गन्ना किसानों को भी खासी मदद मिली है।

स्वच्छता रखना देश की बड़ी सेवा 
इंदौर की बहनों ने छह हिस्सों में बांट कर कूड़ा प्रबंधन को नए मुकाम पर पहुंचाया।
काशी में देवी अहिल्या की मूर्ति लगाई है। बाबा के साथ लोग उनके भी दर्शन करेंगे।
पराली की समस्या से निपटने कोयला बिजली घरों में उसका उपयोग होगा।
सोलर एनर्जी के मामले में देश ने दुनिया में पांचवें नंबर पर जगह बना ली है।
हमारे पास तेल के कुएं नहीं पर बायो-सीएनजी बनाने के साधन बरसों से हैं।
अहिल्या की प्रेरणा को खोया नहीं लोग सिर्फ सेंव ही नहीं सेवा भी पसंद करते हैं।

बायो सीएनजी प्लांट 
-550 टन गीले कचरे से 17500 किलो बायो सीएनजी तैयार
-अगस्त 2020 में शुरु हुआ था निर्माण
-150 करोड़ रुपये हुए खर्च
-100 टन प्रतिदिन खाद तैयार होगी
-15 एकड़ में बना हुआ प्लांट
-600 टन प्रतिदिन गीले कचरे की कटाई कर सीएनजी बनाने के लिए स्लरी तैयार की जाएगी।
-4 डाइजेस्ट में स्लरी को डाला जाएगा जिससे बायोगैस तैयार होगी।
-2 शिफ्ट में सुबह व रात को होगा प्लांट का संचालन।
-65 कर्मचारी यहां करेंगे काम।
-सेंट्रल कमांड कंट्रोल रुम से प्लांट की होगी मानीटरिंग।
-400 सिटी बसों को बायो सीएनजी उपलब्ध करवाने की है योजना। उदघाटन के दिन 25 बसों को दिया जाएगा ईंधन।
-300 किलो बायो सीएनजी अभी हुई है तैयार। रविवार से 500 किलो बायो सीएनजी तैयार होगी और फरवरी माह के अंत तक 2 हजार किलो बायो सीएनजी तैयार होगी।
-एक वर्ष में 200 से ज्यादा बार गीले कचरे की टेस्टिंग कर जांची शुद्धता, यह पता किया गया कि कही सूखा कचरा तो गीले के साथ नहीं आ रहा।
-96 फीसद मीथेन वाली बायो सीएनजी होगी तैयार।
-01 लाख 30 हजार टन कार्बन डाई आक्साइड की प्रतिवर्ष बचत होगी।
-इंदौर की बहनों ने छह हिस्सों में बांट कर कूड़ा प्रबंधन को नए मुकाम पर पहुंचाया।
-काशी में देवी अहिल्या की मूर्ति लगाई है। बाबा के साथ लोग उनके भी दर्शन करेंगे।
-पराली की समस्या से निपटने कोयला बिजली घरों में उसका उपयोग होगा।
-सोलर एनर्जी के मामले में देश ने दुनिया में पांचवें नंबर पर जगह बना ली है।
-हमारे पास तेल के कुएं नहीं पर बायो-सीएनजी बनाने के साधन बरसों से हैं।
-अहिल्या की प्रेरणा को खोया नहीं लोग सिर्फ सेंव ही नहीं सेवा भी पसंद करते हैं।

गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट कचरे को कंचन बनाने का काम

इंदौर के कचरे और पशुधन से गोबर धन और इससे स्वच्छता धन और फिर ऊर्जा धन बनेगा। उन्होंने कहा यह गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट कचरे को कंचन बनाने का काम है। देश के अन्य शहरों और गांवों में भी इस तरह के प्लांट बन रहे है। इससे पशुपालकों को गोबर से आय हो रही है। कचरे से कंचन बनाने के अभियान की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों को दी जाना चाहिए। यहां बनने वाली जैविक खाद से धरती मां को जीवन दान मिलेगा।