केन बेतवा परियाजेना से बुंदेलखंड में खुशहाली, बंजर भूमि में अब सोना उगाएंगे किसान

केन बेतवा परियाजेना से बुंदेलखंड में खुशहाली, बंजर भूमि में अब सोना उगाएंगे किसान

अन्नदाताओं के आए अच्छे दिन, दो और तीन फसल ले सकेंगे  

पीएम मोदी की मौजूदगी में शिवराज-योगी के बीच पानी के बंटवारे को लेकर समझौते पर हुए हस्ताक्षर

35,111 करोड़ के प्रोजेक्ट में  90 फीसदी राशि केंद्र और 5-5 प्रतिशत हिस्सेदारी मप्र-यूपी वहन करेंगे

केन-बेतवा लिंक परियोजना में दो बिजली प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 72 मेगावाट 

भोपाल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच 15 साल से चल रहे केन बेतवा लिंक परियोजना से पानी लेने का विवाद सुलझ गया है। परियोजना से नंवबर से अप्रैल के बीच में मध्य प्रदेश को 1834 मिलियन क्यूबिक मीटर व यूपी को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। 35,111 करोड़ की लागत की इस परियोजना में 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी। 

जबकि शेष 5-5 फीसदी हिस्सेदारी मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश वहन करेंगे। इससे मप्र के नौ जिलों को पानी मिलेगा। सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना वरदान से कम नहीं है। इससे नौ जिलों में हरियाली के साथ-साथ किसानों के चेहरे पर खुशहाली भी आएगी। 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। किसान दो से तीन फसलें ले पाएंगे। इससे न सिर्फ उनकी आय में वृद्धि होगी बल्कि विकास के नए द्वार भी खुलेंगे। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। पेयजल संकट से भी क्षेत्र को निजात मिलेगी। 

परियोजना के दायरे में पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले आएंगे। बुंदेलखंड के जिलों में पानी की बड़ी समस्या है। जबकि महाकोशल, मालवा और निमाड़ क्षेत्र के किसान सालभर में दो या तीन फसलें ले रहे हैं। परियोजना से सिंचाई क्षमता का जो विस्तार होगा, उससे किसानों के चेहरों पर खुशहाली आएगी। पानी की उपलब्धता से ग्रीष्मकालीन फसलें होंगी, जो किसानों को आर्थिक तौर पर समृद्ध करेगी।