अरहर, मूंग एवं उड़द की इन किस्मों की करें खेती, होगा फायदा ही फायदा
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने खरीफ फसलों की बुआई को लेकर सलाह जारी की है। कृषि अनुसंधान संस्थान ने अभी किसानों को अरहर, मूंग एवं उड़द की अधिक उपज देने वाली किस्मों के चयन, बीजों के उपचार को लेकर आवश्यक सलाह दी है।
किसान अरहर की बुवाई इस सप्ताह कर सकते है। अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। किसानों से यह आग्रह है कि वे बीजों को बोने से पहले अरहर के लिए उपयुक्त राईजोबियम तथा फास्फोरस को घुलनशील बनाने वाले जीवाणुओं (पीएसबी) फँफूद के टीकों से उपचार कर लें। इस उपचार से फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है।
अरहर की अधिक उपज देने वाली किस्में
पूसा अरहर-16
पूसा 2001
पूसा 2002
पूसा 991
पूसा 992
पारस
मानक
किसान अभी मूंग एवं उड़द की फसल की बुवाई हेतु उन्नत बीजों की बुवाई करें। अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें।
मूंग की उन्नत क़िस्में
पूसा-1431,
पूसा-1641,
पूसा विशाल,
पूसा-5931,
एस एम एल-668,
सम्राट
उड़द की उन्नत एवं नई क़िस्में
टाईप-9,
टी-31,
टी-39 आदि की बुआई कर सकते हैं।
बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है।