ठंडे बस्ते में आलमपुर गौशाला का निर्माण, नहीं बन पाया डीपीआर

ठंडे बस्ते में आलमपुर गौशाला का निर्माण, नहीं बन पाया डीपीआर

नीरज शर्मा

भिंड। शासकीय अस्पताल के पास गौशाला का निर्माण कराए जाने को लेकर तीन साल पहले जगह चिन्हित की गई थी। साथ ही जमीन का सीमांकन भी किया गया था। नगर परिषद के अधिकारियों ने जल्द से जल्द डीपीआर तैयार करने का आश्वासन दिया था, इसके बाद यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। गौशाला का निर्माण कराया जाना तो दूर अब तक इसकी डीपीआर तैयार नहीं हो सकी है। नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में एक भी गौशाला नहीं है। इस वजह से तीन साल पहले नगर में गौशाला का निर्माण कराए जाने की योजना तैयार की गई। इसके बाद सरकारी अस्पताल मे पास खाली पड़ी 16 बीघा जमीन को गौशाला निर्माण के लिए चिन्हित किया गया था। इस गौशाला में 500 से 600 गाय रह सकें। इस हिसाब से डिजाइन किया जाना था। राजस्व विभाग की ओर से इस जमीन का सीमांकन किया गया।  नगर परिषद के अधिकारियों ने बीते इन दो साल में गौशाला निर्माण के लिए अब तक डीपीआर तैयार नहीं की। हालांकि कई बार सामाजिक संस्थाओं की ओर से नगर में गौशाला निर्माण कराए जाने को लेकर कई बार नप अधिकारियों को अवगत भी कराया गया, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए गए, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी।

बंद हुई अस्थाई गौशाला
आलमपुर थाना परिसर में पुलिसकर्मियों की ओर से डेढ़ साल पहले अस्थाई गौशाला शुरू की गई थी। लेकिन वर्तमान में यह अस्थाई गौशाला भी बंद हो गई। नगर में गौशाला नहीं होने की वजह से गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य मार्गें तक बेसहारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि कुछ साल पहले तक नगर में काफी कम मवेशी दिखाई देते थे, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।  

खिरिया में गोचर जमीन पर कब्जा
आलमपुर नगर के राघव नगर खिरिया गांव में 52 साल पहले शासन द्वारा गौवंश के चरने के लिए 80 बीघा शासकीय जमीन को गोचर के लिए तय किया गया था। लेकिन वर्तमान में इस जमीन के करीब 90 प्रतिशत भाग पर दबंग लोग अवैध कब्जा किए हैं। उनके द्वारा गोचर की जमीन जहां पक्के आवास बना लिए गए हैं। वहीं दूसरी ओर वे उस पर फसल उगा रहे हैं। 

गौशाला का निर्माण अब तक क्यों नहीं हो सका है। इस संबंध में नगर परिषद सीएमओ से जानकारी ली जाएगी।
विवेक केवी, एसडीएम लहार