एक फोन पर घर पहुंचेगी पशु एंबुलेंस, घर पर ही हो जाएगा बीमार पशुओं का इलाज
भोपाल, ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं की बीमार पडने पर किसानों काफी समस्याओं का समाना करना पडता है। इस समस्या के समाधान के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने अब पशु एंबुलेंस की व्यवस्था की है और पशु एंबुलेंस को बुलाने के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। पशुओं के इलाज के लिए टोल फ्री नंबर पर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक कॉल सेंटर से सुविधाएं मिलेगी। पशु चिकित्सा सेवा उप संचालक डॉ अजय रामटेके ने बताया कि बह 10 बजे से शाम 6 बजे तक मिलेगी एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करना होगा
मध्य प्रदेश में बीमार पशुओं के इलाज के अभाव में अब जान नहीं गंवानी पड़ेगी। इसके लिए अप्रैल माह से राज्य सरकार पशु एंबुलेंस सेवा हो गई है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए पशु के बीमार होने पर पशुपालकों को टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करना होगा। कॉल करते ही एंबुलेंस पशुपालक के घर पर पहुंचेगी। जिसमें मौजूद पशु चिकित्सक पशुओं का फ्री में इलाज करेंगे।
हर ब्लॉक स्तर पर चलाए जाएंगे पशु एंबुलेंस
मध्य प्रदेश सरकार के इस एंबुलेंस में गाय और अन्य पशुओं के इलाज के लिए डॉक्टर और कंपाउंडर भी मौजूद रहेंगे। प्रदेश में कुल 407 एबुंलेंस हर ब्लॉक स्तर पर चलाए जाएंगे। इस एंबुलेंस की सेवा लेने के लिए पशुपालकों को टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करना होगा। इस नंबर पर संपर्क करने के कुछ ही वक्त के अंदर एंबुलेंस पशुपालकों के घर पहुंच जाएंगे। इस सुविधा के लागू होते ही पशुपालकों के लिए अपने बीमार पशुओं का इलाज कराना आसान हो जाएगा।
1238 लोगों को मिलेगा रोजगार
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मध्य प्रदेश में अप्रैल 2023 में शुरू हो गई है। इसके तहत पशुपालक के घर पर सिर्फ एक कॉल पर पशुओं के निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। फिलहाल पूरे प्रदेश में 400 पशु एंबुलेंस चलाए जानें की योजना है। इसके तहत पशुपालन विभाग के द्वारा एक एंबुलेंस में एक डॉक्टर, एक कम्पाउंडर और एक ड्राइवर मौजूद रहेंगे। वहीं कॉल सेंटर पर भी कुछ लोगों की तैनाती की जाएगी। ऐसे में पशुपालन विभाग की तरफ से करीब 1238 लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। बता दें कि एंबुलेंस में पशु के इलाज से संबंधित सभी जरुरी सुविधाएं मौजूद रहेंगी।
उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह की योजना की हुई थी शुरुआत
बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की योजना की शुरुआत की गई थी। राज्य को केंद्र सरकार की तरफ से तकरीबन 502 एंबुलेंस दिए गए हैं। जानवरों की बीमारी की हालत में 1962 पर डायल करके यह सुविधा पशुपालकों को मिल सकेगी। इस एंबुलेस सेवा के शुरू होने के बाद गाय बिना किसी देरी के वेटेनरी हॉस्पिटल भेजी जा सकेंगी। इससे समय रहते दुधारू पशुओं की जान बचाई जा सकेगी।
आंध्र प्रदेश में भी लागू हो चुकी है ऐसी योजना
बताते चलें कि इस तरह की योजना की शुरुआत साल 2022 में आंध्र प्रदेश में भी हो चुकी है। राज्य सरकार ने 175 एंबुलेंस पर कुल 143 करोड़ रुपये खर्च किए थे। आंध्र प्रदेश में इस योजना की सफलता के बाद, यूपी सरकार ने भी ट्रायल के तौर पर इसकी शुरुआत कर दी है। अब मध्य प्रदेस में भी ठीक इसी तरह की एंबुलेंस सेवा शुरू की गई है।