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खेतों का भ्रमण कर वैज्ञानिकों ने देखा जीरो टिलेज गेंहू प्रदर्शन, बताए फायदे

neeraj jain

टीकमगढ़। प्राकृतिक खेती अन्तर्गत जीरो टिलेज मशीन से गेंहू का प्रदर्शन किसानो के खेतों पर रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विष्वविद्यालय झांसी एवं अंतरराष्ट्रीय गेंहू एवं मक्का अनुसंधान संस्था मैक्सिको के सौजन्य से वर्ष 2021-22 रबी मौसम में क्रियान्वित किये गये हैं ।

विगत दिवस इन प्रदर्शनों का डॉ. एस. एस. सिंह, संचालक विस्तार सेवायें झॉंसी, डॉ रबी गोपाल, प्रधान वैज्ञानिक, मैक्सिको संस्था को डॉ. बी. एस. किरार, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ आर. के. प्रजापति, वैज्ञानिक, आई. डी. सिंह एवं जयपाल छिगारहा द्वारा गांव हसगौरा, बटवाह, कौडिया गांव में किसानों के खेतों पर जीरो टिलेज गेंहू प्रदर्शन का अवलोकन कराया साथ ही वैज्ञानिकों ने किसानों से प्रदर्शन में अपनाई तकनीक एवं प्रदर्शन तकनीक पर विचार जानें। किसानों ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जीरो टिलेज मशीन से खेत की बिना जुताई किये बुवाई करायी गई उसके बाद हल्की सिंचाई की गयी जिससे हमारे 2-3 जुताई के पैसे बचे । वर्तमान में फसल बिना जुताई करके बोने के पश्चात् भी अच्छी है।

वैज्ञानिक डॉ रबि गोपाल, डॉ एस. एस. सिंह ने जीरो टिलेज खेती के फायदों के  अन्तर्गत बताया कि इस विधि से उत्पादन लागत कम लगती है भूमि की भौतिक संरचना मे सुधार व फसल को कार्बन अधिक मिलता है तथा कम पानी मे अधिक समय तक नमी संरक्षित रहती है जड़ों का अच्छा विकास होता है जिससे उत्पादन में वृद्वि होती है तथा मार्च में गर्मी बढऩे, तेज हवाऐं चलने पर भी फसल समय से ही परिपक्व होती है जबकि दूसरी तकनीक से बोई गयी फसल समय से पहले परिपक्व हो जाती है। अर्थात इस तकनीक को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएं ताकि किसान इस तकनीक का लाभ प्राप्त कर सकंे  । 

खेतों का भ्रमण कर वैज्ञानिकों ने देखा जीरो टिलेज गेंहू प्रदर्शन, बताए फायदे

neeraj jain

टीकमगढ़। प्राकृतिक खेती अन्तर्गत जीरो टिलेज मशीन से गेंहू का प्रदर्शन किसानो के खेतों पर रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विष्वविद्यालय झांसी एवं अंतरराष्ट्रीय गेंहू एवं मक्का अनुसंधान संस्था मैक्सिको के सौजन्य से वर्ष 2021-22 रबी मौसम में क्रियान्वित किये गये हैं ।

विगत दिवस इन प्रदर्शनों का डॉ. एस. एस. सिंह, संचालक विस्तार सेवायें झॉंसी, डॉ रबी गोपाल, प्रधान वैज्ञानिक, मैक्सिको संस्था को डॉ. बी. एस. किरार, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ आर. के. प्रजापति, वैज्ञानिक, आई. डी. सिंह एवं जयपाल छिगारहा द्वारा गांव हसगौरा, बटवाह, कौडिया गांव में किसानों के खेतों पर जीरो टिलेज गेंहू प्रदर्शन का अवलोकन कराया साथ ही वैज्ञानिकों ने किसानों से प्रदर्शन में अपनाई तकनीक एवं प्रदर्शन तकनीक पर विचार जानें। किसानों ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जीरो टिलेज मशीन से खेत की बिना जुताई किये बुवाई करायी गई उसके बाद हल्की सिंचाई की गयी जिससे हमारे 2-3 जुताई के पैसे बचे । वर्तमान में फसल बिना जुताई करके बोने के पश्चात् भी अच्छी है।

वैज्ञानिक डॉ रबि गोपाल, डॉ एस. एस. सिंह ने जीरो टिलेज खेती के फायदों के  अन्तर्गत बताया कि इस विधि से उत्पादन लागत कम लगती है भूमि की भौतिक संरचना मे सुधार व फसल को कार्बन अधिक मिलता है तथा कम पानी मे अधिक समय तक नमी संरक्षित रहती है जड़ों का अच्छा विकास होता है जिससे उत्पादन में वृद्वि होती है तथा मार्च में गर्मी बढऩे, तेज हवाऐं चलने पर भी फसल समय से ही परिपक्व होती है जबकि दूसरी तकनीक से बोई गयी फसल समय से पहले परिपक्व हो जाती है। अर्थात इस तकनीक को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएं ताकि किसान इस तकनीक का लाभ प्राप्त कर सकंे  । 

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