जिस तरह से देश में जनसंख्या बढ़ रही है। जमीन की कमी होती जा रही है। जिसमें अब लोग मल्टी में ज्यादा रहते हैं। क्योंकि एक फ्लोर का घर बनाने की भी जगह नहीं मिल रही है। इसी तरह खेती करने के लिए भी जमीन नहीं बच पा रही है। लेकिन इसका एक उपाय है कि जिनके पास जमीन नहीं है वह हवा में भी खेती कर सकते हैं। जी हां आपको बता दे कई फैक्ट्रियों में इस विधि से शानदार खेती की जा रही है, और तगड़ी कमाई भी हो रही है। तो चलिए जानते हैं वह कौन सी विधि है जिससे बिना जमीन के भी खेती की जा सकती है।
वर्टिकल फार्मिंग
दरअसल, हम वर्टिकल फार्मिंग की बात कर रहे हैं। वर्टिकल फार्मिंग इजरायल की एक फेमस तकनीकी है। जिसमें जमीन की नहीं आवश्यकता होती है। बल्कि पाइप और कंटेनर के जरिए खेती होती है। जिसमें कंटेनर एक के ऊपर एक रखे जाते हैं, और जीआई की पाइप लगाई जाती है। जिसमें कंटेनर का साइज 2 से 3 फुट गहरा और 2 फुट चौड़ा, लंबा लंबा होता है, और जीआई की पाइप होने की वजह से 24 सालों तक कोई टेंशन नहीं रहती, क्योंकि 24 सालों तक यह वर्टिकल फार्मिंग का स्ट्रक्चर खराब नहीं होता है। यानी कि लंबे समय तक चलता है। तो चलिए जानते हैं वर्टिकल फार्मिंग में खेती कैसे की जाती है।
वर्टिकल फार्मिंग कैसे करें
वर्टिकल फार्मिंग में खेती दो तरीके से कर सकते हैं। एक तरीका मिट्टी का भी है, और दूसरा बिना मिट्टी के। जिसमें हाइड्रोपोनिक या एकापोनिक तरीका आता है। वहीं अगर चाहे तो मिट्टी डालकर भी खेती कर सकते हैं। वर्टिकल फार्मिंग करने के लिए आपको एक शेड लगाना पड़ेगा और तापमान का भी ध्यान रखना होगा। जिसमें 12 से 26 डिग्री के बीच का तापमान बेहतर माना जाता है। लेकिन अगर तापमान बढ़ता है तो फॉगर्स लगाना पड़ता है। इससे पानी का फुहारा निकलता है।
जिससे तापमान नियंत्रित होता है। इस तरह जब गर्मी पड़ती है तो फॉगर्स से तापमान कम किया जा सकता है। चलिए जानते हैं इस तरीके की खेती करने के लिए क्या सरकार से कोई मदद मिलेगी।
वर्टिकल फार्मिंग में सरकार से मदद
जी हां आपको बता दे की वर्टिकल फार्मिंग करने के लिए सरकार भी आगे बढ़कर किसानों की मदद कर रही है। जिन लोगों के पास जमीन नहीं है, वह वर्टिकल फार्मिंग कर सकते हैं। जिसके लिए सरकार ने अभी कुछ राज्यों में शुरुआत की है। जिसमें मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में एएस एग्री एंड एक्वा एलएलपी कंपनी द्वारा इस तरह के प्रोजेक्ट में मदद की जा रही है। अगर इसमें सफलता मिलती है तो हो सकता है देश भर में सरकारी इसके लिए सब्सिडी भी दें।