दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के मध्य 5 वर्षों का अनुबंध
सरकार लगातार किसानों की आय दुगुनी करने के प्रयास में लगी हुई है। जिसके लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रहीं हैं। इसी कडी में मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के पशुपालक किसानों की आय बढाने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण शुरुआत की है। इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में संग्रहण केंद्र स्थापित किए जाएंगे, दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता बढाई जायेगी और दुग्ध समितियों की संख्या में भी वृद्धि की जायेगी।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में हुआ अनुबंध
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड एवं संबद्ध दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच 13 अप्रैल को हुआ। इस अनुबंध से दुग्ध उत्पादन में क्रांति आएगी। प्रदेश सरकार के लिए दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में यह एग्रीमेन्ट एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि इन प्रयासों से दुग्ध उत्पादकों की आय में अप्रत्याशित वृद्धि होगी।
पशुपालकों को मिलेगी दूध की सही कीमत
दुग्ध उत्पादन बढाने और दूध को नुकसान से बचाने श्वेत क्रांति मिशन के तहत 2500 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इससे प्रत्येक जिले में सांची डेयरी के साथ मिल्क कूलर, 1 .मिनी डेयरी प्लांट एवं चिलिंग सेंटर की संख्या में वृद्धि की जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस अनुबंध से सहकारी प्रणाली और सांची ब्राण्ड को मजबूत करेगा।
20 लाख किलोग्राम प्रतिदिन होगा दुग्ध संकलन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि दूध की खरीद सुनिश्चित करने एवं सही कीमत दिलाने में मदद करने के लिए प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में संग्रह केंद्र स्थापित किए 2 .जाएंगे। अभी प्रदेश में कुल दुग्ध समितियों की संख्या 6 हजार है, अब इसे बढ़ाकर 9 हजार किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में 3 हजार नई दुग्ध समितियां बनाई जाएगी। अभी एक दुग्ध समिति औसतन 3 गांव में दुग्ध संकलन करती है, इस प्रकार 9 हजार दुग्ध समितियां द्वारा लगभग 18 हजार ग्रामों को कवर किया जा सकेगा और दुग्ध 4 .संकलन भी 10.50 लाख किलोग्राम से बढ़कर 20 लाख किलोग्राम प्रतिदिन हो जाएगा।
5 सालों में लगभग 1500 करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा
3 .इसके अतिरिक्त एनडीडीबी द्वारा दुग्ध उत्पादक संस्थाओं (एमपीओ) के माध्यम से कवर किए गए गांवों को 1390 से बढ़ाकर 2590 किया जाएगा तथा दूध की खरीद को 1.3 लाख से बढ़कर 3.7 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। साथ ही दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जायेगी। वर्तमान में डेयरी प्लांट की क्षमता 18 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे 4 .बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। इस तरह अगले 5 सालों में लगभग 1500 करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा। दुग्ध उत्पादकों की कुल वार्षिक आय 1700 करोड़ रुपए से दोगुना कर 3500 करोड़ रुपए किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।