घर के आँगन में लगाएं ये सब्जी, 20-25 पौधों से कम मेहनत में कमाएं लाखों आधुनिक खेती से आजकल किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. नई-नई तकनीक से सब्जियां, फल और अनाज उगाए जा रहे हैं, लेकिन एक ऐसी सब्जी है जिसका नाम शायद बहुत से किसानों को पता ना हो. खास बात ये है कि इसकी खेती के लिए ना तो ज्यादा जमीन की जरूरत है और ना ही किसी खास तरीके की. पारंपरिक तरीके से भी इसकी खेती करके किसान आसानी से लाखों कमा सकते हैं.
गोडा में खास सब्जी की डिमांड, नाम है अरवा आलू
गोडा में एक खास तरह की सब्जी काफी पॉपुलर है, लेकिन इसकी खेती बहुत कम ही किसान करते हैं. इसी वजह से इसकी डिमांड काफी ज्यादा रहती है. इसे अरवा आलू कहा जाता है. ये सब्जी कंद की तरह होती है, जिसका एक टुकड़ा 12 से 15 किलो तक का हो सकता है. खाने में ये काफी स्वादिष्ट होती है. कम पैदावार होने के कारण इसकी बाजार में कीमत काफी ज्यादा मिलती है. इस सब्जी की बुवाई मई के महीने में होती है. जून के अंत से लेकर पूरे जुलाई तक इसकी खुदाई की जा सकती है.
80 से 100 रुपये किलो तक मिलती है कीमत
गोड्डा के पत्थरगामा प्रखंड के चरका नीमा बरन गांव के किसान राकेश साह अरवा आलू की खेती करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वो अपने पिता और दादा के समय से ही गांव में इसकी खेती कर रहे हैं. हर साल जो अरवा आलू निकलते हैं, उन्हीं में से कुछ बीज के लिए रख लिए जाते हैं. घर के बगीचे में मात्र 50 वर्ग फुट जमीन में इसकी खेती की जाती है, जिसमें करीब 10 से 20 पौधे लगाए गए हैं. सभी पौधों का सार (छोटा तना) बरगद के पेड़ को चढ़ाया गया है. पूरे सीजन में वो करीब 10 क्विंटल अरवा आलू का उत्पादन कर लेते हैं. इसकी बाजार में कीमत 80 से 100 रुपये प्रति किलो मिलती है. ऐसे में उन्हें 70 से 80 हजार रुपये की कमाई हो जाती है.
ऐसे करें अरवा आलू की खेती
अरवा आलू की सब्जी खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है. लोग इसे चावल और दाल के साथ भुजिया के रूप में खाना पसंद करते हैं. ये अरवा आलू की भुजिया काफी कुरकुरी और मसालेदार बनती है. इसकी खेती करने के लिए वो साल भर अरवा की कंद वाली आलू को रखते हैं और बुवाई के समय इसी कंद को रोपाई कर देते हैं. इसकी खेती में पौधों को ज्यादा से ज्यादा पानी की जरूरत होती है और साथ ही समय-समय पर खरपतवार निकालने के साथ-साथ यूरिया-डीएपी और पोटाश भी डाला जाता है.