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कम समय में तगड़े उत्पादन के साथ यह खेती बनाएगी आपको रोडपति से करोड़पति

कम समय में तगड़े उत्पादन के साथ यह खेती बनाएगी आपको रोडपति से करोड़पति भारत में अदरक एक प्रमुख मसाला फसल है, जिसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। खास बात यह है कि भारत विश्व का सबसे बड़ा अदरक उत्पादक और निर्यातक देश है। यहां लगभग 1.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अदरक की खेती होती है, जिसमें केरल, मेघालय, कर्नाटक, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्य प्रमुख हैं। अदरक की मांग देश और विदेशों में हमेशा बनी रहती है, जिससे इसकी खेती किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित होती है।

कब और कैसे करें अदरक की खेती

अदरक की अच्छी पैदावार के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की जरूरत होती है। इसकी बुवाई का सही समय अप्रैल से जून तक होता है। यदि जून के बाद बुवाई की जाती है, तो कंद सड़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए 20 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे उपयुक्त माना जाता है। अदरक की खेती के लिए दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो, सबसे बेहतर होती है। खेत की गहरी जुताई के बाद गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाकर अदरक की गांठों को पंक्तियों में बोया जाता है।

एक हेक्टेयर में 25 लाख तक की कमाई

अदरक की खेती से बहुत ही कम लागत में भारी मुनाफा कमाया जा सकता है। एक हेक्टेयर में यदि देखरेख सही तरीके से की जाए तो 50 टन तक उपज प्राप्त हो सकती है। बाजार में इसकी कीमत ₹80 से ₹100 प्रति किलो तक रहती है। इस हिसाब से किसान 20 से 25 लाख रुपये तक की आमदनी आसानी से कर सकते हैं। ऐसे में अदरक की खेती उन किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो कम समय में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं।

कम समय में तगड़े उत्पादन के साथ यह खेती बनाएगी आपको रोडपति से करोड़पति

कम समय में तगड़े उत्पादन के साथ यह खेती बनाएगी आपको रोडपति से करोड़पति भारत में अदरक एक प्रमुख मसाला फसल है, जिसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। खास बात यह है कि भारत विश्व का सबसे बड़ा अदरक उत्पादक और निर्यातक देश है। यहां लगभग 1.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अदरक की खेती होती है, जिसमें केरल, मेघालय, कर्नाटक, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्य प्रमुख हैं। अदरक की मांग देश और विदेशों में हमेशा बनी रहती है, जिससे इसकी खेती किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित होती है।

कब और कैसे करें अदरक की खेती

अदरक की अच्छी पैदावार के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की जरूरत होती है। इसकी बुवाई का सही समय अप्रैल से जून तक होता है। यदि जून के बाद बुवाई की जाती है, तो कंद सड़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए 20 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे उपयुक्त माना जाता है। अदरक की खेती के लिए दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो, सबसे बेहतर होती है। खेत की गहरी जुताई के बाद गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाकर अदरक की गांठों को पंक्तियों में बोया जाता है।

एक हेक्टेयर में 25 लाख तक की कमाई

अदरक की खेती से बहुत ही कम लागत में भारी मुनाफा कमाया जा सकता है। एक हेक्टेयर में यदि देखरेख सही तरीके से की जाए तो 50 टन तक उपज प्राप्त हो सकती है। बाजार में इसकी कीमत ₹80 से ₹100 प्रति किलो तक रहती है। इस हिसाब से किसान 20 से 25 लाख रुपये तक की आमदनी आसानी से कर सकते हैं। ऐसे में अदरक की खेती उन किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो कम समय में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं।

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