मप्र के हर गांव में लग जाए गोबर पेंट की फैक्ट्री कोई भी किसान नहीं करेगा आत्महत्या

मप्र के हर गांव में लग जाए गोबर पेंट की फैक्ट्री कोई भी किसान नहीं करेगा आत्महत्या

भोपाल, किसानों को नई तकनीक और नए बाजार के साथ अगर जोड़ा जाए तो फिर देश में उनकी आत्महत्याएं पूरी तरह रोकी जा सकती हैं। आज देश में गोबर से पेंट बनाया जा रहा है, जो बाजार में बिकने वाले ऑइल पेंट के मुकाबले बेहतर और सस्ता है। पेंट के लिए गोबर 4 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा है। अगर मध्यप्रदेश के भी हर गांव में एक गोबर पेंट फैक्ट्री लगाई जाए, तो फिर कोई किसान आत्महत्या क्यों करेगा।

यह सुझाव केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मप्र सरकार को हाल ही में भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान दिए। गौरतलब है कि 'जागत गांव हमारÓ ने अपने 22 फरवरी के अंक में 'मप्र के हर गांव में खुलेगी गोबर से पेंट बनाने की फैक्ट्रीÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बताया गया था कि भारत गांवों का देश है। राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने कहा था-असली भारत गांवों में बसता है। अधिकांश ग्रामवासी किसान होते हैं। गांवो में खेतों के अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय किए जाते हैं।

पशुपालन से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है और कृषि कार्य में सहायता मिलती है। पशुओं का गोबर खाद का काम करता है। इस लक्ष्य को लेकर मप्र को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद में जुटी शिवराज सरकार जल्द ही केंद्र से अदेश मिलते ही एक और अनोखी पहले करने की तैयारी में नजर आ रही है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो मप्र के  सभी 52 जिलों, 293 नगर परिषद, 22,812 ग्राम पंचायत , 313 जनपद पंचायत में  गोबर से पेंट बनाने की फैक्ट्री खोली जाएंगी।  इससे जहां एक ओर मप्र के किसानों की आय बढ़ेगी,  वहीं दूसरी ओर गौ-संरक्षण को भी बढ़ा मिलेगा। यही नहीं, गांवों में पशुपालन की ओर भी लोगों का रुझान बढ़ेगा।  

किसानों की बढ़ेगी कमाई 

गांबों में बने पेंट की बिक्री बढऩे के बाद गांवों में गोबर की खरीद भी बढ़ेगी। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, सिर्फ एक मवेशी के गोबर से किसान हर साल 30 हजार रुपए कमाएंगे। अभी तक किसान गोबर का सिर्फ खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन, गांव-गांव पेंट की फैक्ट्रियां खुलने के बाद गोबर की खरीद का भी एक तंत्र बन जाएगा, जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। 

गाय का गोबर बेरोजगारों को देगा रोजगार और रोकेगा पलायन

फैक्ट्रियां खुलने के बाद गोबर की खरीद का एक तंत्र बन जाएगा  

सिर्फ एक मवेशी के गोबर से किसान हर साल 30 हजार रुपए कमाएंगे

गोबर से पेंट बनाने की एक फैक्ट्री खोलने में 15 लाख का होगा खर्च

गांव में रोजगार मिलने से शहरों की तरफ पलायन की समस्या होगी खत्म