नर्मदा में प्रवाहित फूल से आत्मनिर्भर हो रहीं जासलपुर की महिलाएं

भोपाल। प्रदेश की जीवन दायिनी मां नर्मदा के प्रति लोगों में अटूट आस्था है। रोजाना ही नर्मदाजल में फूलमाला भी प्रवाहित की जाती है। जिसके चलते प्रदूषण भी बढ़ रहा है। नर्मदापुरम में नर्मदा जल में प्रवाहित होने वाली फूल माला का उपयोग सुगंधित अगरबत्ती व धूपबत्ती बनाने के लिए किया जा रहा है। इस काम का बीड़ा ग्राम जासलपुर की महिलाओं ने उठाया है।
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ग्राम जासलपुर की महिलाओं के समूह को जिला प्रशासन ने इस काम के लिए चुना है। कलेक्टर नीरज सिंह के प्रयासों से महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं। नर्मदा जल से फूलों के एकत्रीकरण करने के साथ ही अगरबत्ती व धूपबत्ती बनाने का कार्य महिलाओं का समूह कर रहा है।
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महिला ने बनाई अलग पहचान
यदि इच्छा शक्ति व लगन हो तो कठिन से कठिन कार्य को आसानी से किया जा सकता है। अपनी इच्छा शक्ति के बल पर नर्मदापुरम जिले की महिलाओं ने अपनी अलग पहचान बना ली है। महिलाओं की पहचान बनाने की दास्तां भी अनूठी है। नर्मदा जल में अर्पित फूलों से अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाकर महिलाओं ने अपना मुकाम बनाया है। ग्राम जासलपुर का सरस्वती व रविदास महिला समूह नर्मदा जल में अर्पित होने वाले फूलों के जरिए अगरबत्ती व फूलबत्ती बनाने में जुटा है।
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पर्यटन स्थलों पर होगी उपलब्ध
अगरबत्ती का विक्रय एवं विपणन विभिन्न प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों पर किया जाएगा। मढ़ई, चूरना, पचमढ़ी, तिलक सिंदूर, सलकनपुर आदि स्थनों पर यह अगरबत्ती मिलेगी। इसके साथ ही रेशम विभाग के प्राकृत शोरूमों, मृगनयनी के अलावा आनलाइन मार्केटिंग के माध्यम से भी मिल सकेगीं हो रहा है।
नर्मदाजल हो रहा प्रदूषण मुक्त
नर्मदाजल को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कलेक्टर नीरज सिंह ने कार्ययोजना तैयार की। उन्होंने लोगों की भावनाओं को देखते हुए फूलमाला से सुगंधित अगरबत्ती बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया। इससे सबसे बड़ा लाभ महिलाओं को यह मिला कि आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ी हैं। साथ ही मां नर्मदा का जल भी प्रदूषण मुक्त हो रहा है। कलेक्टर सिंह के निर्देश पर जिला पंचायत के आजीविका मिशन द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाया गया।
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एकत्र किए जाते हैं फूल
सरस्वती एव रविदास समूह की महिलाएं नर्मदाजल में प्रवाहित होने वाले फूलों व मंदिरों में चढऩे वाले फूलों को एकत्र करती हैं। फूलों को सुखाकर उनका पावडर बनाकर उच्च गुणवत्तापूर्ण सुगंधित अगरबत्ती धूपबत्ती का निर्माण किया जाता है व अच्छी पैकिंग की जाती है।
विशेषताएं
- स्वास्थ्य की दृष्टि से गैर हानिकारक यह अगरबत्तियां पूर्णत: चारकोल फ्री हैं।
- तीन प्रमुख फूलों गुलाब, मोगरा और लैवेंडर की खुशबुओं के साथ उपलब्ध हैं।
- अगरबत्ती की ब्रांडिंग, मार्केटिंग रेवा सुमन के नाम से की जा रही है।
बेहतर प्रयास किया
नर्मदाजल को प्रदूषण से मुक्त करने व महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाया गया है। महिला समूह द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है। रेवा सुमन अगरबत्ती ब्रांड के रूप में पहचानी जा रही है।
- नीरज सिंह, कलेक्टर, नर्मदापुरम