डेयरीफॉर्मिंग और खेती गुर सीखने ऑस्ट्रेलिया और इजरायल जाएंगे छात्र

डेयरीफॉर्मिंग और खेती गुर सीखने ऑस्ट्रेलिया और इजरायल जाएंगे छात्र

-प्रदेश के छात्रों को फिलिपिंस और जर्मनी भी भेजा जाएगा

-छात्रों के जाने का खर्च आईसीआर और वल्र्ड बैंक उठाएगा  

भोपाल। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के छात्र जल्द ही अलग-अलग देशों की अत्याधुनिक तकनीक को सीख सकेंगे। इसके लिए बीएससी तृतिय और चतुर्थ वर्ष के छात्रों का मैरिट के आधार पर मौखिक साक्षात्कार भी हो चुका है। इन छात्रों को आस्ट्रेलिया, इजराइल, मलेशिया, फिलिपिंस और जर्मनी भेजा जाएगा। इन देशों के संस्थानों से कृषि विश्वविद्यालय का अनुबंध हुआ है। छात्रों के जाने का खर्च आईसीआर और वल्र्ड बैंक उठाएगा। इन देशों में छात्र डेयरीफार्मिंग से लेकर परिशुद्ध खेती के गुर सीखेंगे। जिससे कम लागत में किसान अच्छी फसल लेकर मोटा मुनाफा कमा सकें। असल में सरकार मोटे अनाज का उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। जिसको लेकर कृषि विश्वविद्यालय आधुनिक तकनीक के सहारे किसान को प्राकृतिक खेती करना करने के बारे में बताएगी। विदेश से आधुनिक तकनीक सीखकर आने वाले छात्रों से देश के किसानों को लाभ मिलेगा।

विवि के छात्र जाएंगे विदेश

कृषि छात्रों को विदेश में आधुनिक तकनीक से हो रही खेती के बारे में सीखने का अवसर आईसीआर ओर वल्र्ड बैंक की मदद से दिया जा रहा है। आईसीआर और वल्र्ड बैंक छात्रों के आने जाने व रहने का पूरा खर्चा देता है। जिन देशों से विवि का अनुबंध हुआ है उन देशों में छात्रों को भेजने के लिए आईसीआर और वल्र्ड बैंक को प्रस्ताव बनाकर भेजना होता है। जब इन संस्थाओं से अनुमति मिल जाती है तो छात्रों को भेजा जाता है।

डेयरी व खेती सीखेंगे

कृषि विवि के छात्र अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग से आस्ट्रेलिया में हो रही डेयरी फार्मिंग के बारे में जानेंगे। जबकि फिलिपिंस, मलेशिया व जर्मनी में अत्याधुनिक तकनीक से खेती होती है। वहीं इजराइल परिशुद्धी खेती के लिए जाना जाता है। परिशुद्धी खेती में कृषि उपज को अधिकतम बनाने के लिए उचित समय पर सटीक और उपयुक्त मात्रा में जल, उर्वरक, कीटनाशक आदि आगतों का अनुप्रयोग किया जाता है। सही समय और सही स्थान पर खेत में सही मात्रा में कृषि निविष्टियों का उपयोग करना ही परिशुद्ध खेती है। परिशुद्ध खेती को इसके उपकरणों द्वारा संचालित किया जाता है।

कनाड़ा से डिग्री और बैंकाक जाएंगे

कनाडा और कृषि विश्वविद्यालय के बीच ड्यूल डिग्री को लेकर समझौता हुआ है। इसके तहत दस छात्र कनाड़ा में दो साल की पढ़ाई करेंगे। इससे उन्हें भारत व कनाडा की ड्यूल डिग्री मिलेगी। इसमें बीएससी की डिग्री प्राप्त करने में छात्रों को एक साल का वक्त अधिक लगेगा। बैंकाक के लिए भी करीब दस छात्रों का चयन हो चुका है।

इनका कहना है

जिन देशों के साथ अनुबंध हुआ है, वहां पर छात्र नई व आधुनिक तकनीक सीखने के लिए जाएंगे। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। आईसीआर और वल्र्ड बैंक को प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमति मिलते ही छात्र विदेश के लिए रवाना होंगे।
डॉ. संजय शर्मा, डायरेक्टर आफ रिसर्च कृषि विवि 

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