किसान के लिए वरदान बनी सोशल नेटवर्किंग, देशभर में फैला रहे है प्राकृतिक उत्पाद

किसान के लिए वरदान बनी सोशल नेटवर्किंग, देशभर में फैला रहे है प्राकृतिक उत्पाद

sanjay sharma
खरगोन, सोशल मीडिया के आने के बाद से कई किसानों ने इसको एक अवसर के समान उपयोग कर अपने व्यवसाय को बढ़ाया है। महेश्वर में बड़वी के किसान भगवान राव पिछले 7 वर्षों से अपने 4 एकड़ खेत पर प्राकृतिक खेती कर रहे है। इस खेती को अपना कर वे अपने आप मे बहुत संतुष्ठ भी है और खुश भी है। इसका एक कारण ये भी है उनसे गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित मप्र के कई शहरों के उपभोक्ता सोशल नेटवर्किंग से जुड़े है। इससे उनकी फसल आते ही बिक जाती है।

6 बीघा खेत मे उन्होंने ऐसा प्रबंधन किया जिससे वे कई तरह के अनाज और दालों के अलावा सब्जी और फल वाली फसलें भी कर लेते है। इनके प्रबंधन का उत्कृष्ठ उदाहरण यह भी है कि वे हर समय उनके खेत में हरियाली रहती है। कुछ वर्षों से वे गन्ने की खेती को भी प्राथमिकता दे रहें है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि वे स्वयं गुड़ भी बनाते है।

गुड़ की बर्फी के कई फ्लेवर बनाने में सफल हुए

किसान भगवान राव ने अपनी रचनात्मक्ता का सफल प्रयोग गुड़ की बर्फी के साथ किया है। वे इलाइची, सोंठ और तीन के फ्लेवर में 20 से 30 ग्राम में बर्फी बना रहे है। गन्ने से वे 18 से 20 क्विंटल गुड़ बना रहे है। जिसकी मांग जयपुर, अहमदाबाद सहित महाराष्ट्र के कई स्थानों पर अपने मुनाफे के साथ भेज रहे है।

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