उपेक्षा का शिकार हो रहा है मांझी मछुआ समाज गैर मछुआरों ने छीना पारंपरिक रोजगार
आक्रोशित मछुआरों ने मत्सयोद्योग संचालक कार्यालय के बाहर की नारेबाजी
भगवान श्रीराम को गंगा पार लगाने वाला मछुआ समाज जिले में अत्याचार का शिकार रोजगार
सीहेार। सरखेड़ा स्थित पार्वती नदी में जाल डालने पर मछुआ समाज के लोगों साथ असामाजिक तत्वों के द्वारा की गई मारपीट को लेकर मछुआरों ने मंडी रोड ब्रिज के नीचे स्थित मत्सयोद्योग सहायक संचालक कार्यालय के बाहर नारे लगाकर प्रदर्शन किया। मछुआरों ने सिद्धपुर मांझी आदिवासी समाज संघ अध्यक्ष ओमप्रकाश रायकवार के नेतृत्व में मत्सयोद्योग सहायक संचालक जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया।
मछुआरों के द्वारा सरखेड़ा पार्वती नदी घाट पर अवैधानिक रूप से मछली मारने वाले और मांझी समाज के लोगों के साथ मारपीट करने वाले असामाजिक तत्वों पर सख्त कानूनी कार्रवाहीं करने और नदी से असामाजिक तत्वों को हटाने वास्ताविक मछुआरों को सुरक्षा देने की मांग की गई।
मत्स्य विभाग कार्यालय पहुंचे सिद्धपुर मांझी आदिवासी समाज संघ अध्यक्ष श्री रायकवार ने बताया की नदी तालाबों में मत्सयोद्योग ही मछुआरा समाज के लिए रोजीरोटी का सहारा है। प्रदेश शासन ने मछुआ समाज को नदी तालाबों नालों से प्रज्जननकाल छोड़कर शेष समय में मछली पकडऩे की खुली छूट दी है।
मछुआ समाज के इस एक मात्र रोजगार को भी कुछ लोग डरा धमका कर छीनने पर तुले हुए है। बड़ी संख्या में शहर में मछुआ समाज निवारसत है लेकिन नदी तालाबों पर अन्य संप्रदाय के लोगों के द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है। मछुआ समाज के लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है। मछुआ समाज के परंपारिक व्यावासय पर कब्जा कर मछुआरों को गुलाम बनाया जा रहा है।
भगवान श्रीराम को गंगा पार लगाने वाला मछुआ समाज लगातार सीहेार जिले में अत्याचार का शिकार हो रहा है। मछुआ समाज बीते साल सालों से मछली मार्केट की मांग कर रहा है लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।
प्रदर्शन में लक्ष्मण, आकाश रैकवार, ईश्वर सिंह, मनोज, गोलू, राजेश, कल्लू दिनेश, मनू, गणेश रैकवार, राजू रैकवार ओम प्रकाश हेमचंद्र, ममता, शिवानी, ऋषिका, कृति, कुंती, सुगन बाई,प्रकाश रैकवर, जीवन, अरुण रैकवार, संतोष रैकवार, गौरव रैकवार, निशांत रैकवार, संदीप रैकवार, रैकवार विशाल दिनेश केवट, नरेश रैकवर, भगवान सिंह, करण सिंह, धीरज रैकवार, विनय, भारत रैकवार, अनिल, शुभम, शिवम मांझी आदि शामिल रहे।