किसानों के लिए लाभ की योजना ला रही मप्र सरकार, जानिए योजना के बारे में
दो करोड़ रुपये तक ऋण सात साल तक मिलेगा तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दे रही है। अगली योजना किसानों के समूह बनाकर ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट लगवाने की है। इन समूहों को न सिर्फ बैंक से दो करोड़ रुपये तक ऋण दिलाया जाएगा, बल्कि तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी सात साल तक उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विभाग ने केंद्र सरकार की कृषि अधोसंरचना निधि के संचालन के लिए यह योजना तैयार की है। इसे कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
काम प्रारंभ, और विस्तार देने की योजना तैयार
कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री ने सहकारिता, कृषि और उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से कृषि अधोसंरचना निधि के अधिक से अधिक उपयोग की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। सहकारिता विभाग ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की कुछ योजनाओं को मंजूरी भी दिलाई है और काम भी प्रारंभ हो गया है। इसे अब और विस्तार देने की योजना तैयार की गई है। कृषि विभाग ने निधि के संचालन का जो प्रारूप तैयार किया है, उसमें राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित की जाएगी, जो अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभ दिलाने का काम करेगी।
राज्य और जिला स्तर पर निगरानी समितियां गठित होंगी
किसानों और उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य और जिला स्तर पर निगरानी समितियां गठित होंगी। जिला स्तरीय निगरानी समिति हितग्राहियों की पहचान कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करेगी और अनुशंसा सहित राज्य स्तरीय समिति को भेजगी। समिति गुण-दोष के आधार पर परीक्षण करके स्वीकृति के लिए बैंकों को भेजेगी। अधिकारियों का कहना है कि अभी व्यापारी किसानों से उपज लेकर प्रसंस्करण करते हैं और उसे अधिक कीमत में बेचते हैं। यह लाभ सरकार किसानों को दिलाना चाहती है।
गेहूं के निर्यात में गुजरात को पीछे छोड़ चुका है मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश अब कृषि उत्पादों के निर्यात में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष देश से अप्रैल 2022 में कुल 14 लाख 72 हजार 423 टन गेहूं का निर्यात हुआ। इसमें मध्य प्रदेश ने सर्वाधिक पांच लाख 86 हजार 423 टन गेहूं निर्यात कर रिकार्ड बनाया है। अभी व्यापारी किसानों से गेहूं खरीदता है और उसकी ग्रेडिंग और पैकेजिंग करके निर्यात करता है। सरकार की मंशा है कि यह काम किसानों से जुड़े समूह करें तो उन्हें अधिक लाभ होगा।