जबलपुर के बगीचे में जापानी आम, कीमत 2.7 लाख रुपये किलो, जानिए क्या है खासियत
सुरक्षा के लिए लगे हैं 3 गार्ड और 9 कुत्ते
जबलपुर, हमारे देश के हर राज्य में अलग -अलग किस्म के आम की खेती भी की जाती है, जिनकी कीमत भी ज्यादा होती है। सबसे पसंदीदा फल होने के कारण यहां अच्छे किस्म के आमों के सेवन के लिए लोग अच्छी खासी रकम भी खर्च करने को तैयार रहते हैं। यही वजह है कि देश में अलग-अलग तरह की आम के किस्मों की खेती भी की जाती है। लेकिन आज हम जिस आम के बारे बताने जा रहे हैं उसकी कीमत जानकर आप चौंक जाएंगे।
जबलपुर में चरगवां रोड पर संकल्प परिहार और रानी परिहार के बगीचे में आम के एक ऐसी किस्म उगाई जाती है, आम का नाम है टाइयो नो टमैंगो, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2 लाख 70 हजार रुपये किलो बताई जाती है। इसकी खेती आमतौर से जापान में होती हैं।
सुरक्षा में लगे हैं गार्ड और कुत्ते
टाइयो नो टमैंगो नाम के इस आम की कीमत ज्यादा होने की वजह से इसकी सुरक्षा का भी खास इंतजाम किया गया है। मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले संकल्प परिहार ने इन आमों की सुरक्षा के लिए अपने बगीचे में 3 गार्ड और 9 कुत्ते लगा रखे हैं।
सूर्य का अंडा भी कहा जाता हैं
संकल्प परिहार बताते हैं कि इस आम को एग ऑफ सन यानी सूर्य का अंडा भी कहा जाता हैं। ये आम पिछले कुछ सालों में काफी चर्चा में रहा है। दरअसल, यह अपनी कीमत की वजह से लोगों की नजर में बना हुआ था। कुछ वक्त बाद बगीचे से कुछ आम की चोरी भी हो गई। ऐसे में उन्हें आमों की सुरक्षा के इंतजाम करने पड़े। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त पैसे भी खर्च करने पड़ रहे हैं।
900 ग्राम तक होता है वजन
विशेषज्ञों का कहना है कि ये आम जब पूरी तरह से पक जाता है तो इसका वजन 900 ग्राम तक पहुंच जाता है। साथ ही इसका रंग हल्का लाल और पीला हो जाता है और इसकी मिठास भी सबको अपनी तरफ आकर्षित करती है। इसके अलावा इसमें अन्य आमों के मुकाबले रेशे बिल्कुल नहीं पाए जाते हैं।
उगाना किसी चुनौती से कम नहीं
रानी परिहार कहती हैं कि इस आम को उगाना किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि इसमें बहुत कम फल आते हैं और भारत में इनका अच्छा दाम ही नहीं मिलता, लेकिन उन्होंने शौकिया तौर पर इस आम को उगाया था और वे सफल रहीं। जापान में इस आम को पॉली हाउस के भीतर उगाया जाता है, लेकिन भारत में इसे खुले वातावरण में भी उगाया जा सकता है।
जापानी वैरायटी के बगीचे में कई आम
रानी परिहार का कहना है कि यह बहुत ही स्वादिष्ट आम है. इसमें बिल्कुल भी रेशे नहीं पाए जाते और स्वाद इतना लजीज होता है कि खाने वाला कभी भूलता नहीं है। जापानी वैरायटी के भी रानी परिहार के बगीचे में कई आम हैं। इनमें स्वर्ग बैगनी और पिंक आम भी हैं। इस बगीचे में मैंगो 2KG नाम का भी एक आम है, जिसका पकने पर कुल वजन 2 किलो के लगभग होता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आम की देसी और विदेशी सभी किस्म के फल खुले वातावरण में पैदा हो रहे हैं।
बंजर पड़ी जमीन पर इसे खुले वातावरण में उगाया
रानी परिहार का कहना है कि अपनी बंजर पड़ी जमीन पर इसे खुले वातावरण में उगाया है। शुरुआत में 4 एकड़ के बगीचे में उन्होंने आम के कुछ पेड़ लगाए थे। अब उनके बगीचे में 14 हाइब्रिड तथा छह विदेशी किस्म के आम हैं। फिलहाल उन्होंने अपने 4 एकड़ के बगीचे में 14 अलग-अलग किस्म के आमों को लगा रखा है। इसके अलावा उन्होंने टाइयो नो टमैंगो के भी 52 पेड़ भी लगाए हुए हैं।