ई-खसरा परियोजना लागू, अब आनलाइन मिलेगी खसरे की नकल

ई-खसरा परियोजना लागू, अब आनलाइन मिलेगी खसरे की नकल

भोपाल। राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त ने ई-खसरा परियोजना को लागू किया है। इसके तहत अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार नायब तहसीलदार एवं समस्त पटवारियों की आइडी मोडिफिकेशन व अपडेशन कार्य के लिए बनाई गई है। परियोजना के अन्तर्गत अनुबंधित फर्म द्वारा सभी तहसीलों में आइटी सेन्टर स्थापित किए गए हैं। जिनसे किसानों को उनकी मांग अनुरूप प्रमाणित खसरा बी-1, नक्शा की प्रतिलिपियां नियत शुल्क प्रति पृष्ठ 30 रुपये लेकर उपलब्ध कराई जा रही है। कृषक अपने खाते की नकल, खेत का अक्‍स विभागीय बेवसाइट पर जाकर निश्शुल्क देख सकते है।

एमपी किसान एप से 15 अगस्त तक स्वयं दर्ज कराएं अपनी फसल की जानकारी
किसान 15 अगस्त तक अपनी फसल की जानकारी स्वयं दर्ज करवा सकते हैं। उनके लिए एमपी किसान एप की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। किसान की इस जानकारी का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं पटवारी से सत्यापन होगा। इस जानकारी का उपयोग फसल हानि, न्यनतम समर्थन मूल्य योजना, भावांतर योजना, किसान क्रेडिट कार्ड और कृषि ऋण में किया जायेगा।

राज्य सरकार का किसान हितैषी निर्णय

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश और आत्म-निर्भर किसान के मंत्र पर राज्य सरकार का यह किसान हितैषी निर्णय है। एमपीकिसान एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। किसान इस एप को डाउनलोड करने के बाद इस पर लॉगिन कर फसल स्व-घोषणा, दावा, आपत्ति ऑप्शन पर क्लिक कर अपने खेत को जोड़ सकते हैं। खाता जोड़ने के लिये प्लस ऑप्शन पर क्लिक कर जिला, तहसील, ग्राम, खसरा आदि का चयन कर एक या अधिक खातों को जोड़ा जा सकता है। खाता जोड़ने के बाद खाते के समस्त खसरा की जानकारी एप में उपलब्ध होगी। उपलब्ध खसरा की जानकारी में से किसी भी खसरे पर क्लिक करने पर एआइ के माध्यम से जानकारी उपलब्ध होगी। किसान के सहमत होने पर एक क्लिक से फसल की जानकारी को दर्ज किया जा सकेगा। संभावित फसल की जानकारी से असहमत होने पर खेत में बोई गई फसल की जानकारी खेत में उपस्थित होकर लाइव फोटो के साथ दर्ज की जा सकती है। इस प्रक्रिया में किसान ई-गिरदावरी को अपनाने के लिये 15 अगस्त तक अपने आप को रजिस्टर कर सकेंगे।