नींव मज़बूत तो भविष्य सुरक्षित: डॉ. किंजल्क सी. सिंह

नींव मज़बूत तो भविष्य सुरक्षित: डॉ. किंजल्क सी. सिंह
रीवा, शिशु के विकास के लिये गर्भावस्था, महल के नींव की तरह होती है। यदि गर्भावस्था के प्रथम 1000 दिन में गर्भवती मॉं, धात्री माँ और शिशु के पोषण का उचित ध्यान तथा वातारण को प्रसन्नचित्त रखा जाये तो शिशु के विकास और भविष्य को सुरक्षित और उज्ज्वल रखा जा सकता है।

उक्त उद्गार डॉ. किंजल्क सी. सिंह, वैज्ञानिक (कृषि विस्तार) के हैं जो की न्यूट्रीस्मार्ट ग्राम बजरंगपुर में केन्द्र द्वारा आयोजित 'गर्भ से 1000 दिवस तक पोषण एवं सवास्थ्य' विषय पर आयोजित महिला कृषक प्रशिक्षण में, मुख्य वक्ता के तौर पर, बोल रही थीं जिसमें कुल 26 कृषक बहनों एवं भाईयों ने भाग लिया।
कृषि विज्ञान केंद्र,रीवा (म.प्र.) के वैज्ञानिक, खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डॉ. चन्द्रजीत सिंह ने प्रतिभागियों का बताया कि शिशु के विकास के लिये माँ को संतुलित आहार के साथ सदैव लौह तत्व, फोलिक अमल, विटामिन-सी और आयोडीन के आहारीय स्त्रोत का सेवन अवश्य करना चाहिये। महिला बाल विकास विभाग की ओर से श्रीमती सुनीता पटेल ने प्रशिक्षणार्थीयों का आह्वान किया कि गर्भावस्था के दौरान ग्रामीण बहनें आँगनबाड़ी तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पंजीयन करा कर शासकीय योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठायें। ग्रामीण बहनों की ओर से कमला पटेल ने प्रशिक्षण को तकनीकी रूप से उपयोगी एवं सफल बताया। ग्राम के अग्रणी कृषक राजेश पटेल ने विषय सम्बन्धी लीफलेट के  वितरण को तकनीकी हस्तांतरण का एक आवश्यक कदम बताया और कार्यक्रम के आयोजन के लिये केंद्र का अभार प्रकट किया। श्री शत्रुघ्न वर्मा जी की उपस्थिति प्रशंसनीय रही।

उक्त कार्यक्रम, संचालक विस्तार सेवायें, डॉ. दिनकर शर्मा के निर्देशन में तथा कृषि विज्ञान केंद्र, रीवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. अजय कुमार पाँडेय तथा कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस. के.प्यासी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया  जिसमें डॉ. अखिलेश पटेल, वैज्ञानिक (मृदा विज्ञान); डॉ. राजेश सिंह , वैज्ञानिक (उद्यानिकी); डॉ. बृजेश कुमार तिवारी, वैज्ञानिक (शस्य विज्ञान);  डॉ. अखिलेश कुमार, वैज्ञानिक (पौध संरक्षण); डॉ. स्मिता सिंह, वैज्ञानिक (शस्य विज्ञान); डॉ संजय सिंह, वैज्ञानिक (कृषि विस्तार) ; डॉ. केवल सिंह बघेल, वैज्ञानिक (पौध रोग);  मृत्युंजय मिश्रा, वैज्ञानिक (कम्प्यूटर);  श्री सन्दीप शर्मा, मौसम वैज्ञानिक; कार्यालय सहयोगी बृजेश सेन तथा ऋषभ विश्वकर्मा सहयोग उल्लेखनीय रहा।

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