नर्मदापुरम में किसानों को खल रही खाद की कमी

नर्मदापुरम में किसानों को खल रही खाद की कमी

प्रदीप शर्मा
नर्मदापुरम, पूरे जिले में गेहूं की कटाई के तुरंत बाद इस समय तीसरी फसल के रूप में मूंग की बोवनी जारी है। बोवनी के लिए किसानों को खाद की जरूरत है, लेकिन शासन की गोदाम और निजी क्षेत्र में खाद का टोटा बना हुआ है। इस कारण ज्यादातर गोदामों पर ताला लगा रहने से किसान भटक रहे हैं। मजबूर होकर किसानों को निजी दुकानों पर मंहगे दाम में खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसान जब खाद लेने पहुंच रहे हैं तो गोदाम पर ताला लटका लगा मिल रहा है। जिससे बोवनी प्रभावित होने की संभावना किसान बता रहे हैं। जो गोदाम में स्टाक था वह किसान ले गए, लेकिन अभी भी आधे से अधिक किसान रह गए हैं। किसान संघ व अन्य किसानों का कहना है बिना खाद के मूंग की अच्छी पैदावार संभव नहीं है।

आठ हजार टन की दरकार
जिले में खाद का संकट गहराने लगा है। शासन की संस्थाओं में उपलब्धता बताई जा रही है कि गोदामों में 6 हजार टन खाद उपलब्ध है, लेकिन जिस प्रकार मूंग का रकबा बढ़ रहा है उस हिसाब से जिले में कुल आठ हजार टन खाद की जरूरत है। जो मांग के हिसाब से कम है। इसलिए किसानों को चिंता सताने लगी है।
यह सच है कि इस समय तेजी से मूंग की बोवनी चल रही है। मूंग की फसल को खाद की जरूरत है। जो किसान पहुंच भी रहे हैं उन्हें खाद दिया जा रहा है। सभी गोदामों पर खाद की उपलब्धता है।
जितेंद्र सिंह, संयुक्त संचालक कृषि

खाद जिले में उपलब्ध है। जिस गोदाम में ताला लगा हुआ था उस समय हो सकता है कर्मचारी बैंक गए हों। क्योंकि स्टाफ की कमी है। खाद वितरण प्रभारी छुट्टी पर होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। किसान चिंता न करें।
प्रदीप गरैवाल, जिला विपणन अधिकारी

किसानों को जब भी जरूरत रहती है। तब हर बार परेशान होना पड़ता है। प्रशासन हर बार कहता है कि पूर्ति हो रही है लेकिन पूर्ति नहीं हो पाती। जब किसान को खाद की जरूरत रहती है तब उसे चक्कर लगाने को या फिर ज्यादा राशि चुकाकर खरीदी करना पड़ता है। 
गणेश गौर, किसान नेता

खाद समय पर मिलना चाहिए। यदि समय पर पूर्ति नहीं हुई तो आंदोलन को मजबूर होना पड़ेगा। इन नेताओं ने बताया कि किसानों को निजी क्षेत्र से 1200 रुपए की जगह 1500 में लेने को मजबूर होना पड़ रहा है।
राकेश गौर, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ 

20 फीसद बोवनी

संभाग में अभी तक 20 फीसद बोवनी होना बताया जा रह है। जिसमें पहले बोवनी कर चुके किसानों के लिए अब खाद की आवश्यकता बनी हुई है। लेकिन उन्हें समय पर खाद नहीं मिलने से परेशान होना पड़ रहा है। खाद वितरण केंद्रों पर किसान बार-बार जा रहे हैं तो ताला लगा मिल रहा है। खाद की पूर्ति समय पर नहीं होने से क्षेत्र के किसानों में नाराजगी बढ़ रही है। 

उपलब्धता में से हो गया वितरण

जो उपलब्धता बताई जा रही है वह पुराना रिकॉर्ड है। जिसमें से काफी मात्रा में वितरण हो गया है। जो बचा हुआ है वह मांग के हिसाब से बेहद कम है। संभाग के तीनों जिलों में खाद की कमी होने से किसानों के सामने अपनी फसल में खाद की पूर्ति करने में दिक्कतें हो रही हैं। इस कमी की बजह से मूंग के पैदावार पर असर पडऩे की संभावना है।