किसानों का गेहूं खरीदी से हो रहा मोहभंग

किसानों का गेहूं खरीदी से हो रहा मोहभंग

भोपाल। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 6 फरवरी से पंजीयन का दौर शुरू हो गया है। इस वर्ष की गेहूं खरीदी मार्च में होना प्रस्तावित है। हालांकि गिरदावरी में देरी के चलते पंजीयन ओर प्रक्रिया में देरी हुई है। इस बार नीति में परिवर्तन नहीं हुआ है। पिछले साल वाली नीति में 110 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 2125 रुपए प्रति क्विंटल के दाम से किसानों से सरकार गेहूं खरीदेगी। लेकिन जिले में लगातार सरकारी गेहूं खरीदी से किसानों का मोहभंग होता जा रहा है। मंडियों में अच्छे दाम मिल रहे है।

वर्तमान में भी मंडी में 2600 से 3 हजार तक दाम मिल रहा है तो कम दाम समर्थन के होने के कारण इसमें रुचि नहीं ले रहे है। वर्ष 2020 मेें कोविड के लॉकडाउन के समय बाढ़ के बाद जिले में गेहूं का उत्पादन भी बंपर हुआ था ओर मंडियों भी बंद थी। ऐसे में रेकॉर्डतोड़ खरीदी हुई थी। इसके अलावा बाकी वर्ष को छोड़ दे तो किसानों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है। सरकार के तमाम प्रचार ओर दावों के बाद भी किसान समर्थन के बजाए मंडी व खुले बाजार में गेहूं बेचने में रुचि दिखा रहा है।

2125 प्रति क्विंटल में होगी खरीदी

पिछले साल गेहूं खरीदी में सरकार ने किसानों का गेहूं 2015 रुपए प्रति क्विंटल के मान से खरीदा है। इस बार मात्र 110 रुपए की बढ़ोतरी के सरकार 2125 रुपए प्रति क्विंटल के दाम से गेहूं खरीदेगी। इसके लिए पंजीयन 6 फरवरी से शुरु होगा ओर मार्च में खरीदी प्रस्तावित है। इधर मंडी में गेहूं के वर्तमान में 2600 से 3100 तक का दाम चल रहा है। जब मंडी ओर खुले बाजार में गेहूं का अच्छा दाम मिल रहा है तो किसान मात्र 2125 रुपए में सरकारी खरीदी पर अपना गेहूं बेचने मे रुचि नहीं दिखा रहे है। इसी कारण साल दर सल सरकारी खरीदी में किसानों की संख्या कम हो रही है तो खरीदी का आंकड़ा कम होता जा रहा है।

28 फरवरी तक चलेगा पंजीयन

वर्ष 2023-24 के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 6 फरवरी से पंजीयन का दौर शुरु होगा जो 28 फरवरी तक चलेगा और मार्च में खरीदी होना प्रस्तावित है। 2125 रुपए प्रति क्विंटल के मान से किसानों का गेहूं सरकार खरीदेगी। 1 हेक्टेयर में 45 क्विंटल का उत्पादन औसत माना गया है। जितने हेक्टेयर का किसान पंजीयन कराएगा उसके बाद उसका सत्यापन किया जाएगा। उसके अनुसार गेहंू खरीदी में ध्यान रखा जाएगा। आधार से बैंक खाता लिंक होने पर भुगतान होगा। ऐसे में पंजीयन के समय ही आधार लिंक किसानों का मांगा जा रहा है जिससे भुगतान में दिक्कत ना हो। इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की नीति में पिछले साल वाली ही व्यवस्थाएं है इस बार परिवर्तन नहीं किया गया है। किसान सशुल्क व नि:शुल्क दोनों तरह से पंजीयन करा सकता है। ग्राम पंचायत से लेकर तहसील व सोसायटियों व खुद के मोबाइल से नि:शुल्क पंजीयन हो सकेगा। खरीदी को लेकर किसान को मोबाइल पर मैसेज आएगा तो भुगतान सीधे खाते में होगा।

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