हरेक किसान को मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड, सरकार ने बैकों को कहा- पीएम किसान डेटाबेस की लें मदद

नई दिल्ली। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो हरेक किसान को कम ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर दिए जायेंगे। इसके लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं। बता दें कि केंद्रीय बजट में कुछ ही दिन बाकी हैं और इस उम्मीद के बीच कि सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।
सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को देश के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) देने का निर्देश दिया गया। बैंकिंग क्षेत्र की एक दिन की समीक्षा बैठक में, जिसकी अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी ने की।सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को यह प्रैक्टिस करने के लिए पीएम किसान डेटाबेस की मदद लेने का निर्देश दिया गया।
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Kisan Credit Card ऋणों की पूरी प्रक्रिया होगी डिजिटल
खबर के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि मीटिंग में कृषि अवसंरचना कोष (AIF) योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई। मीटिंग में कृषि और किसान कल्याण विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे, जहां कृषि ऋण से संबंधित समीक्षा भी की गई।
पारदर्शिता में सुधार के लिए किसान क्रेडिट कार्ड हासिल करने की प्रक्रिया के डिजिटलीकरण में प्रगति पर भी चर्चा की गई। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को समयबद्ध तरीके से किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) ऋणों की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी गई।
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PMJDY-PMJJBY सहित इन योजनाओं की भी हुई समीक्षा
मीटिंग के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), अटल पेंशन योजना (APY), प्रधानमंत्री सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति और प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि और कृषि ऋण की भी समीक्षा की गई।
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बैंकों को कस्टमर एक्सपीरियंस बेहतर बनाने की दी सलाह
बैंक प्रमुखों के साथ हुई इस मीटिंग में इस बात पर जोर दिया गया कि स्थायी बैंकिंग संबंधों के लिए ग्राहकों के अनुभव को ज्यादा समृद्ध और सुखद बनाने के लिए बैंकों को हर संभव प्रयास करने की जरूरत है।
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भारतीय बैंक संघ (IBA) से पहले ही सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए उपभोक्ता सेवा रेटिंग में तेजी लाने का अनुरोध किया गया है, ताकि ग्राहकों की अपेक्षाओं का पता लगाया जा सके और बैंकों को ग्राहक के हर वर्ग के लिए सेवाओं के वितरण के अपने मानकों को बढ़ाने में सक्षम बनाया जा सके।