जानलेवा लंपी वायरस के चपेट में रतलाम के 38 पशु

जानलेवा लंपी वायरस के चपेट में रतलाम के 38 पशु

अमित निगम
रतलाम। जिले में लंपी वायरस के लक्षण पशुओं में नजर आने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। जिले के ग्राम सेमलिया और बरबोदना में पशुओं में बीमारी के लक्षण नजर आए हैं। मामला उजागर होने के बाद पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने गांवों में जाकर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में 38 पशुओं में इसके लक्षण नजर आए हैं। ऐसे में उक्त पशुओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए है। अब जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है।
नामली, बरबोदना, बोदिना, सेमलिया और हतनारा गांव में पशुओं को देखा। संक्रमित पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखने की नसीहत दी। जिले में लंपी वायरस के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। कलेक्टर ने पशुपालकों से चर्चा की, ग्रामीणों ने बताया पशु चिकित्सा विभाग का अमला उपचार के लिए आ रहा है। दवा भी दी गई है। पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक उज्जैन केएन बामनिया, उपसंचालक रतलाम डॉ. आरके शर्मा तथा विभाग का मैदानी अमला भी कलेक्टर के साथ ही रहा।

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सीमावर्ती राजस्थान राज्य की सीमा बांसवाड़ा में बीमारी से 16 पशु ग्रसित पाए गए
रतलाम के साथ ही जिले के सीमावर्ती राजस्थान राज्य की सीमा बांसवाड़ा में बीमारी से 16 पशु ग्रसित पाए गए हैं। रतलाम में बीमारी की रोकथाम के लिए टीका द्रव्य शीघ्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था गुजरात की कंपनी से चर्चा करके की जा रही है। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने पशु चिकित्सा सेवा विभाग के डॉक्टर्स के दल बनाकर उन्हें जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचकर निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। 

गायों के शरीर में छोटी-छोटी गठानें होकर बन जाते हैं घाव 
बता दें की गायों के शरीर में छोटी-छोटी गठानें होकर घाव बन गए हैं। हालांकि पशु चिकित्सा विभाग ने पॉजिटिव केस की पुष्टि नहीं की है। विभाग ने सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। पशु चिकित्सा विभाग के अफसरों ने वायरस के लक्षण वाले पशुओं के सैंपल लेकर उन्हें मक्‍ख‍ियों व किट से बचाने के लिए समझाइश ग्रामीणों को दी है। साथ ही इन पशुओं को आइसोलेट करने और इलाज करवाने की सलाह दी है। 

बीमारी से पशु दूध देने लायक नहीं बचता
पशु चिकित्सकों के मुताबिक, इस रोग में जानवरों में बुखार आना, आंखों एवं नाक से स्राव, मुंह से लार निकलना, शरीर में गांठों जैसे नरम छाले पड़ना, दूध उत्पादन में कमी आना जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके अलावा इस रोग में शरीर पर गांठें बन जाती हैं. गर्दन और सिर के पास इस तरह के नोड्यूल ज्यादा दिखाई देते हैं। बीमारी का पशुओं से मनुष्यों में ट्रांसफर होने की संभावना न के बराबर है लेकिन यह लंपी बीमारी होती है तो पशु दूध देने के लायक नहीं बचेगा। 

टीमों का किया गठन
उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. आरके शर्मा ने बताया कि वायरस से गोवंश के बचाव के लिए विकासखंड स्तरीय आरआरटी टीमों का गठन किया गया है। इनमें डॉक्टर्स के साथ-साथ वीएफओ तथा अन्य कर्मचारियों को शामिल किया गया है, जिनके द्वारा स्थलों पर पहुंचकर पशुओं का उपचार किया जा रहा है।  

इन पर लगा प्रतिबंध
संक्रमित क्षेत्र में बीमारी को फैलने से रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा नगर परिषद, ग्राम निकायों को निर्देशित किया गया है। संक्रमित क्षेत्र के बाजारों में पशु बिक्री, पशु प्रदर्शनी आदि प्रतिबंधित रहेगी। क्षेत्र के केंद्र बिंदु से 10 किलोमीटर की परिधि क्षेत्र में पशु बिक्री कार्य नहीं होगा।

पहले भी फैल चुका है वायरस 
मध्य प्रदेश में यह कोई पहला मौका नहीं है जब इस वायरस का प्रकोप पशुओं में देखने को मिला है. साल 2021-22 में 3 जिलों के लगभग 30 हज़ार पशुओं में फैला था ज‍िसमें एक पशु की मौत हुई थी. वहीं साल 2020-21 में 9 जिलों के लगभग 40 हज़ार पशुओं में ये वायरस फैला था ज‍िसमें एक पशु की मौत हुई थी. 

इंसान पर इस बीमारी का होगा ये असर 
इफेक्टेड गाय का दूध पीने के असर को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक की स्टडी में लंपी वायरस से इंफेक्टेड पशु का दूध पीने से इंसान पर असर का मामला सामने नहीं आया है क्योंकि हम दूध को गर्म करके ही पीते हैं। गर्म करने पर दूध में मौजूद बैक्टीरिया व वायरस नष्ट हो जाते हैं। हां, बछड़े जरूर इससे संक्रमित हो सकते हैं। वहीं इंसान भी बीमार पशु के सीधे संपर्क में आने से प्रभावित हो सकते हैं। 

कलेक्टर और पशु चिकित्सा विभाग के बड़े अधिकारी फील्ड में लेकिन मुख्य ग्राम खंड प्रभारी गायब
दरअसल रतलाम जिले में सेमलिया गांव के बाद अब अन्य गांव में भी लंपी वायरस के लक्षण गायों में मिले हैं। जिसे लेकर पशु चिकित्सा विभाग और प्रशासन अलर्ट पर बने हुए हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद रतलाम कलेक्टर भी आज प्रभावित गांवों के दौरे पर पहुंचे। पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक एमके शर्मा द्वारा सभी क्षेत्रों में टीमों का भी गठन किया गया है। लेकिन मुख्य ग्राम खंड रतलाम के प्रभारी डॉ डीके जैन बीते 3 दिनों से फिल्ड से नदारद हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉ डीके जैन इंदौर निवास करते हैं। उनके क्षेत्र के सेमलिया गांव में ही लंपी वायरस का असर सबसे ज्यादा देखने को मिला है। लेकिन डॉक्टर जैन आपात परिस्थिति में भी फील्ड से गायब हैं।

मध्य प्रदेश में लंपी वायरस‌ को लेकर अलर्ट
वहीं अब मध्य प्रदेश में लंपी वायरस‌ को लेकर अलर्ट जारी के दिया गया है। मध्य प्रदेश के रतलाम के तीन गांवों में 35 लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं।  सिमहालिया 15, बरबोदाना 3 और नामाली में 17 पशुओं में  लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं। सभी के सैंपल भोपाल मंगाए गए हैं. सभी सैंपल की जांच हाई स‍िक्‍योर‍िटी लैब में होगी। साथ ही सीमावर्ती जिलों के लिए भी विशेष निगरानी रखने को कहा गया है। 

इनका कहना है

ज्ञातव्य है कि राजस्थान में लंपी नामक वायरस से कॉफी संख्या में गायों की मृत्यु हुई है। इस बीमारी का असर राजस्थान की सीमा से लगे मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के कुछ क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है। इस दशा में पशुओं की रक्षा हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए। यह बीमारी अस्वच्छता के कारण मच्छरों और मक्खियों के माध्यम से एक दूसरे पशुओं में फैल रही है। अतः पशुपालक और गौशालाएं अपने पशुओं को बांधने वाले स्थान पर साफ सफाई रखें। तथा अन्य आवश्यक उपाय आजमाएं।
नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर, रतलाम