प्रदेश के 26 जिले लंपी वायरस की चपेट में, नहीं मिल रही वैक्सीन

प्रदेश के 26 जिले लंपी वायरस की चपेट में, नहीं मिल रही वैक्सीन

भोपाल। प्रदेश के 26 जिले लंपी वायरस की चपेट में आ चुके हैं। सरकारी रिकार्ड में पशुओं की जितनी मौतें दर्ज की गई हैं, उससे कई गुना ज्यादा गाय, बैल और बछड़े दम तोड़ चुके हैं। पशुओं को बचाने के लिए लगाई जा रही गॉट पोक्स वैक्सीन भी ज्यादातर जिलों में या तो खत्म हो चुकी है या फिर बहुत कम डोज बची हैं। खंडवा, मंदसौर, शिवपुरी बैतूल, छतपुर, दमोह में वैक्सीन की एक भी डोज नहीं बची है। हैरानी वाली बात यह है कि इनमें खंडवा और मंदसौर जिलों में सरकारी रिकार्ड में लंपी वायरस से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। बावजूद यहां पर पर्याप्त वैक्सीन नही भेजी गईं।

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बुरहानपुर में एक लाख डोज दी गईं

हालांकि महाराष्ट्र की सीमा से लगे बुरहानपुर में जरूर एक दिन पहले एक लाख डोज दी गईं हैं। जिन जिलों में वैक्सीन खत्म हो चुकी हैं, वहां के पशुपालकों को बाजार से खरीदनी पड़ रही है। वैक्सीन की एक वायल 600 से 800 रुपए की पड़ रही है। इस एक वायल में 33 पशुओं को टीका लगाया जा सकता है। हालांकि पशुपालन विभाग का दावा है कि एक या दो दिन में ज्यादातर जिलों में वैक्सीन आ जाएगी। जैसे-जैसे वायरस फैल रहा है, वैसे वैसे कुछ जिलों में वैक्सीन के दाम बढ़ा दिए गए हैं।

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मेडिकल स्टोर्स पर 100 एमएल का वैक्सीन वायल 800 रुपए में मिल रही
अब तक पशुपालन विभाग की मदद से पशुओं को मुफ्त में वैक्सीन लग रहे थे। लेकिन वैक्सीन खत्म होते ही बाजार में मेडिकल स्टोर्स पर 100 एमएल का वैक्सीन वायल 800 रुपए में बिक रहा है। मेडिकल संचालक अवेधश सिंह चौहान ने बताया अब तक 11 हजार से ज्यादा डोज 1200 किसानों को बेचे जा चुके हैं। खंडवा में लंपी के नोडल अधिकारी डॉ नीरज कुमुद ने बताया कि जिले में लंपी वायरस के चपेट में आए पशुओं की रिकवरी हो रही है। करीब 1 लाख 10 हजार डोज को लेकर डिमांड भेजी है। संभवत: शनिवार तक आ जाएंगे।

बैतूल जिले के 10 में से 9 ब्लॉक लंपी की चपेट में

बैतूल जिले के 10 में से 9 ब्लॉक लंपी की चपेट में हैं। विभाग के अनुसार एक हजार मवेशी पीडि़त हुए और 14 मवेशियों की मौत हो गई। लंपी वायरस की रोकथाम के लिए पशु चिकित्सा विभाग के पास टीके ही उपलब्ध नहीं हैं। विभाग ने 5 हजार वैक्सीन की डिमांड की है। अभी तक जिले में 8 हजार 864 गायों को वैक्सीन लगाई गई है, जबकि जिले में 6 लाख मवेशी हैं।

एक हजार से अधिक मवेशी लंपी वायरस से पीडि़त

पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. विजय पाटिल ने बताया एक हजार से अधिक मवेशी लंपी वायरस से पीडि़त हैं, जिसमें से 600 ठीक भी हो गए है। तीन दिन से वैक्सीन नहीं है। इधर, हरदा जिले में डेढ़ लाख गायों का टीकाकरण होना है और वैक्सीन सिर्फ सात हजार मिली हैं। लंपी रोग से बचाने के लिए अधिकतर ग्रामीण पशुओं को खुद वैक्सीन खरीद कर लगवा रहे हैं। 650 रुपए की एक वायल आ रही है। वायल में सुखा पाउडर आता है। 100 एमल पानी में घोल कर करीब 33 पशुओं का टीकाकरण हो जाता है। हरदा में 450 गाय संक्रमित हैं। 6925 गायों का टीकाकरण हो चुका है। पशु मालिक गॉट पॉक्स वैक्सीन बाजार से खरीद कर लगवा रहे हैं। 650 रुपए की वैक्सीन 1 हजार से ज्यादा की मिल रही हैं।

छतरपुर और दमोह में वैक्सीन भी नहीं
छतरपुर और दमोह में लंपी से मौत तो नहीं हुई लेकिन वैक्सीन भी नहीं है। पशु चिकित्सा विभाग ने पांच हजार डोज के लिए प्रस्ताव भेजा है लेकिन मिली नहीं। बाजार में भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। हालांकि तेंदूखेड़ा के लोगों ने खरीदकर लगवाई है। सागर जिले में अब तक लंपी वायरस के 6 केस मिले हैं। इनमें मकरोनिया में 3 और गौरझामर, देवरी और शाहपुर में 1-1 केस मिले हैं। लंपी वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन के अभी सिर्फ 5 हजार डोज गुजरात से आए हैं। 50 हजार डोज की डिमांड और भेजी है। शुक्रवार से संक्रमित गाय के एक किलोमीटर परिधि में मौजूद सभी पशुओं को वैक्सीन लगाई जाने लगी। पशु बाजार और परिवहन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।

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पशुओं को नि:शुल्क टीका लगा रहे हैं
पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल का कहना है कि पशुओं को नि:शुल्क टीका लगा रहे हैं। टीके भी सभी जिलों में भेजे जा रहे हैं। प्रशासन और पशु चिकित्सकों से कहा है कि वे संक्रमित पशुओं की जानकारी न छुपाएं। जो भी पशुओं के इलाज में पैसों की मांग करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। नेपानगर के एक डॉक्टर को सस्पेंड किया है। जहां तक ज्यादा मौतें होने की बात है तो यह भी दिखवा रहे हैं।

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